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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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सोशल मीडिया की मंज़िल अभी है दूर:तीस्ता सीतलवार

सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवार से मीडियामोरचा के ब्यूरो प्रमुख साकिब ज़िया की खास बातचीत                   

पटना/ सोशल मीडिया आज कल का सबसे सशक्त और प्रभावशाली माध्यम है। यह कहना है मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवार का। वे राजधानी पटना में होली क्रीयेचर की ओर से 'सिटीजन जर्नलिज्म और कंटम्परेरी मीडिया' विषय पर आयोजित सेमिनार में  भाग लेने आईं थीं।

मीडियामोरचा से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ एक सालों से दुनिया में इन्टरनेट ने दूरियों को पाट दिया है। पहले के समय में संदेश पहुंचाने के लिए हमें कई उपाय करने पड़ते थे। लेकिन ज़माना बदलता गया और नई-नई तकनीक से जीवन आसान होता गया। ऐसे ही बदलाव के बीच सोशल मीडिया ने भी अपनी ज़मीन तलाशनी शुरू कर दी। अब सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोगों का एक दूसरे से जुड़ने का फैशन सा चल पड़ा है। ऐसा नहीं है कि सभी लोग फैशन के लिए ही इसकी ओर आकर्षित होते हैं। अधिकतर लोगों के कारोबार-रोज़गार  में इनकी भूमिका बहुत ही अहम साबित हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तकनीक का गलत इस्तेमाल समाज और देश के लिए नुकसानदेह ही नहीं घातक साबित होता है।  तीस्ता ने बदलते दौर में आधुनिक संसाधनों की तारीफ करते हुए कहा कि इन माध्यमों से पत्रकारों को काफी सहूलियत हुई है इससे पत्रकारिता जगत में भी बदलाव आया है।  

पत्रकार तीस्ता ने मीडिया को समाज का बेहतरीन आईना बताया एवं कहा कि यह लोगों तक सरकार की और सरकार तक जनता की बातों को पहुंचाने का सार्थक माध्यम है। उन्होंने कहा कि आजकल राजनीतिक पार्टियों में ताकतवर लोगों की मौजूदगी काफी बढ़ गई है और वे पत्रकारों पर कभी-कभी दबाव बनाने की कोशिश करते हैं ताकि खबरों की सच्चाई को छिपाया जा सके। बातचीत के दौरान तीस्ता सीतलवार ने आने वाली किताब 'फूट सोल्जर ऑफ दि कॉन्सटिचयूशन-ए मिमोयर' (Foot Soldier of the Constitution - A Memoir) पर चर्चा करते हुए बताया कि' अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता है एवं कोई भी धर्म हिंसा और क्रूरता नहीं सिखाता'। अपनी किताब में वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगा का जिक्र करते करते हुए उन्होंने कहा कि 'गुजरात की जब भी बात निकलेगी तो अहसान जाफरी की बात आयेगी और इंसाफ के लिए लड़ने की बात जब भी आयेगी तो भारत के पहले  महान्यायवादी यानि एटॉर्नी जनरल, एम. सी. सीतलवार की नातिन तीस्ता सीतलवार की बात आयेगी'। अन्त में उन्होंने किताब के हवाला देते हुए कहा कि  'बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी' 

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सम्पादक

डॉ. लीना