मनोज कुमार / अभी अभी एक साथी से मुलाकात हुई. जाहिर
सी बात है कि एक पत्रकार साथी से मुलाकात होगी तो बात भी इसी के इर्द-गिर्द
रहेगी. यह वह साथी है जब वह अपने शुरूआती दिनों में पत्रकारिता को लेकर
बड़ा जज्बाती था. उसे उम्मीद थी कि वह अपनी कोशिशों से समाज को बदल डालेगा
लेकिन आज …
Blog posts July 2012
ये पत्रकारिता है या नौकरी?
अर्थ
पत्रकारिता के लिए अंग्रेजी में जर्नलिज्म शब्द का इस्तेमाल होता है, यह शब्द जर्नल से निकला है। इसका शाब्दिक अर्थ है- दैनिक। दिन प्रतिदिन के क्रियाकलापों, सरकारी बैठकों का विवरण जर्नल में रहता है। यानी दैनिक गतिविधियों का विवरण है जर्नलिज्म।…
हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर समाज में है सन्नाटा
बाजार और मीडिया के बीच भारतीय भाषाएं
संजय द्विवेदी / हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर समाज में एक अजीब
सा सन्नाटा है। संचार व मीडिया की भाषा पर कोई बात नहीं करना चाहता। उसके
जायज-नाजायज इस्तेमाल और भाषा में …
मीडिया हो या जन आंदोलन, यह टीम गेम है
तिकिताका और तिकिताकानेचिओ कोई तकनीक नहीं, प्रतिबद्धता का पर्याय है!
पलाश विश्वास/ पहले से सोच रखा था कि घर न जा पाने के कारण पहाड़
और तराई में सेतुबंधन बतौर खेले ज…
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