मई दिवस समाज के उस वर्ग के नाम है जिसके कंधों पर सही मायने में विश्व की उन्नति का दारोमदार होता है
निर्भय कर्ण / हंसी-हंसी मे…
मई दिवस समाज के उस वर्ग के नाम है जिसके कंधों पर सही मायने में विश्व की उन्नति का दारोमदार होता है
निर्भय कर्ण / हंसी-हंसी मे…
मनोज कुमार / मजदूर हाशिये पर हैं। अब उनकी कोई बात नहीं करता। मजदूर कभी वोट बैंक नहीं माना गया तो बदलते दौर में मजदूरों की जरूरत भी बदल गयी। मजदूर किसे कहते हैं और मेहनतकश, यह भी अब लोगों को जानने की जरूरत नहीं रह गयी है। इस बार जब मई दिवस मनाया जा रहा है तब हिन्दुस्तान तख्तो-ताज का…
डॉ. लीना