अविनाश कुमार सिंह/ बालासोर रेल हादसा। २८८ लोगों की मौत। एक हजार से ज्यादा घायल। चीत्कार। चीख पुकार। बिलखते लोग। तबाही का मंजर। खौफनाक डरावनी तस्वीरें। हर तरफ खून के धब्बे। खून से सनी लाशें। जो अभी जिंदा थे, अभी अभी मर गए। पल पल दम तोड़ते लोग। हमने 'गदर' देखी। मुसाफिर जो हादसे में बच गए। खून से सने चेहरे। किसी के हाथ कटे थे। किसी का चेहरा चकनाचूर। अपनों की तलाश करते हुए। दर्द की इस तस्वीर के लिए शब्द कम हैं।
इस बीच हमने देखा ग्राउंड जीरो से एंकर एंकराओं की रिपोर्टिंग। कोई लाशों की ढेर के बीच से अपने शो में पूरे जोश के साथ स्वागत कैसे कर सकता है? मैं दंग रह गया।