नयी दिल्ली/हिंदी के मूर्धन्य पत्रकार एवं ‘यूनीवार्ता’ के पूर्व समाचार संपादक बनारसी सिंह का शनिवार को निधन हो गया। श्री सिंह 85 वर्ष के थे। वह करीब एक सप्ताह से बीमार थे और गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली।
उनका आज अपराह्न लोधी काॅलाेनी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंत्येष्टि के मौके पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ तथा युवा पत्रकार मौजूद थे।
उन्होंने अपना पत्रकारिता का कैरियर 1960 में वीर अर्जुन अखबार से शुरू किया। आपातकाल के दौरान उन्होंने स्वतंत्र लेखन भी किया। वह 1982 में यूनीवार्ता से जुड़े और समाचार संपादक के पद से एक अगस्त 1993 को सेवानिवृत्त हुए। श्री सिंह की 10 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं जिनमें ‘सन सत्तावन के भूले शहीद’ और ‘लंदन में गोली’ प्रमुख हैं। उनका हमेशा मानना रहा कि पत्रकारों को भाषा की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।