200 करोड़ का दैनिक हिन्दुस्तान विज्ञापन घोटाला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुंगेर जिले के विश्वस्तरीय सनसनीखेज 200 करोड़ रूपए के दैनिक हिन्दुस्तान अखबार विज्ञापन घोटाला में प्रमुख अभियुक्त व मेसर्स दी हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्स लिमिटेड ( प्रधान कार्यालय- 18-20। कस्तुरवा गांधी मार्ग, नई दिल्ली) की अध्यक्ष श्रीमती शोभना भरतिया की ओर से दायर स्पेशल लीव पीटिशन ( क्रिमिनल) संख्या- 1603। 2013 में सुनवाई की अगली तारीख आगामी 26 अगस्त, 2014 निर्धारित की है ।
शोभना भरतिया ने स्पेशल लीव पीटिशन (क्रिमिनल) के द्वारा बिहार के मुंगेर कोतवाली थाना में दर्ज पुलिस प्राथमिकी, जिसकी संख्या-445। 2011 , दिनांक 18 नवंबर, 2011 है,को रद्द करने की प्रार्थना सुप्रीम कोर्ट से की है।
मुंगेर जिला मुख्यालय में कोतवाली थाना मेंदर्ज पुलिस प्राथमिकी में पुलिस ने मेसर्स दी हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्स लिमिटेड (प्रधान कार्यालय- 18-20, कस्तुरवा गांधी मार्ग, र्नइ दिल्ली) की अध्यक्ष शोभना भरतिया, दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर, दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के पटना संस्करण के संपादक अकू श्रीवास्तव, दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के भागलपुर और मुंगेर संस्करण के स्थानीय संपादक बिनोद बंधु , दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के मुद्रक और प्रकाशक अमित चोपड़ा के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420।471।476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रशन आफ बुक्स एक्ट 1867 की धारा 8।बी।,14 और 15 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
इस सनसनीखेज आर्थिक अपराध की घटना में आरक्षी उपाधीक्षक (मुंगेर) ए0 के0 पंचालर और पुलिस अधीक्षक (मुंगेर) पी0 कन्नन ने पर्यवेक्षण- रिपोर्ट -01 और 02 जारी कर दी है। दोनों पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी पर्यवेक्षण-रिपोर्टों में कांड संख्या-445। 2011 के सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध ‘प्रथम दृष्टया आरोप‘ सत्य पाया है।
इस सनसनीखेज 200 करोड़ के सरकारी विज्ञापन घोटाला कांड में पुलिस अनुसंधान में इस नतीजे पर पहुँच चुकी है कि सभी नामजद अभियुक्तों ने 3 अगस्त, 2001 से भागलपुर स्थित मेसर्स जीवन सागर टाइम्स लिमिटेड (लोअर नाथनगर रोड, परवत्ती, भागलपुर। नामक छापाखाना से दैनिक हिन्दुस्तान अखबार का फर्जी संस्करण) मुंगेर और भागलपुर संस्करण। 30 जून, 2011 तक मुद्रित, प्रकाशित और वितरित किया। सभी नामजद अभियुक्तोंने जालसाजी और धोखाधड़ी की नीयत से मुंगेर और भागलपुर संस्करण में 3 अगस्त, 2001 से 30 जून, 2011 तक पटना संस्करण का रजिस्ट्र्ेशन नम्बर-44348। 1986 मुद्रित किया और बिहार और केन्द्र सरकार के समक्ष गैर-निबंधित अखबार को निबंधित अखबार प्रस्तुत कर करोड़ों रूपया का सरकारी विज्ञापन प्राप्त किया और सरकारी राजस्व की लूट मचाईं।
पुलिस पर्यवेक्षण-टिप्पणियों में पुलिस ने लिखा है कि अभियुक्तोंने मुंगेर और भागलपुर के अवैध हिन्दुस्तान संस्करणों में पटना के दैनिक हिन्दुस्तान का रजिस्ट्र्ेशन नम्बर - 44348।1986 03 अगस्त, 2001 से 30 जून,2011 तक प्रिंट लाइन में मुद्रित किया । अभियुक्तों ने इन संस्करणों में 01 जुलाई , 2011 से 16 अप्रैल, 2012 तक प्रिंट लाइन में रजिस्ट्र्ेशन नम्बर के स्थान पर ‘आवेदित‘ मुद्रित किया ।पुनः अभियुक्तोंने इन संस्करणों के प्रिंट लाइन में 17 अप्रैल, 2012 से निबंधन संख्या- बी0आई0 एच.एच.आई.एन. (2011।41407 मुद्रित करना शुरू कर दिया। पर्यवेक्षण- टिप्पणियों में पुलिस ने लिखा है कि अभियुक्तोंने कुकृत्यों को छुपाने के लिए लगातार समाचार-पत्र में अखबार के निबंधन संख्या को बदल-बदल कर मुद्रित और प्रकाशित किया।
इस मुकदमे में सभीनामजद अभियुक्तों ने पुलिस प्राथमिकी , मुंगेर कोतवाली कांड संख्या- 445। 2011, को रद्द करने की प्रार्थना के साथ पटना उच्च न्यायालय में क्रिमिनल मिससेलिनियस नं0-2951।2012 दायर किया। परन्तु, पटना उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर, 2012 के ऐतिहासिक फैसले में सभी नामजद अभियुक्तों के मुकदमों को निष्पादित करते हुए मुंगेर पुलिस को आदेश की तिथि से तीन माह के अन्दर पुलिस अनुसंधान पूरा करने का आदेश दिया।
पुलिस जांच के घेरे में देश की वरिष्ठ महिला पत्रकार मृणाल पांडे भी:विश्वस्तरीय 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान सरकारी विज्ञापन घोटाला में दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के कई चर्चित अन्य संपादक भी पुलिस जांच के घेरे में हैं। इस कांड में पुलिस जांच के घेरे में अन्य नामी-गिरामी संपादकों में मृणाल पांडेय, महेश खरे, बिजय भाष्कर, विश्वेश्वर कुमार, कंपनी उपाध्यक्ष ।बिहार। योगेश चन्द्र अग्रवाल और कंपनी के निदेशक मंडल के अन्य सदस्य भी है ।
मुंगेर से श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट
मो0 09470400813