Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 16 फरवरी से

आठ दिवसीय होगा फिल्म महोत्सव 

नई दिल्ली/पटना/ बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2017 बिहार के सिने प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण आयोजन हैं। इसे पटना में अधिवेशन भवन में 16 से 23 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा जिसमें 125 से अधिक फिल्में दिखाई जाएगी। यह जानकारी आज दिल्ली के प्रेस क्लब आफ इंडिया में ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की ओर से आयोजित प्रेस काफ्रेंस में दी गई जिसमें स्नेह फाउंडेशन की अध्यक्षा सुश्री स्नेहा राउत्रे ने बताया की इस दौरान बॉलीवुड और हॉलीवुड के सैकड़ों नामचीन सितारे मौजूद रहेंगे। इसका आयोजन ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन के द्वारा “बिहारः इक विरासत” टैगलाइन के साथ शुरू किया जाएगा। साथ ही इस काफ्रेंस में मुख्य सलाहकार श्री पी मजूमदार, महोत्सव के कार्यकारी निदेशक और प्रसिद्ध अभिनेता श्री विनीत कुमार, फेस्टिवल डायरेक्टर श्री पंकज श्रेयस्कर भी माॅजूद रहे।

सुश्री राउत्रे ने बताया कि इस साल भी ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन (जीएसएफ) बोधिसत्व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन (जीएसएफ) आज ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर का पता लगाने के क्षेत्र में अपनी सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। जीएसएफ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए  राष्ट्रीय स्तर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है। ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन (जीएसएफ) ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह  पिछले साल आयोजित किया था जिसकी सराहना आम जनता के साथ-साथ कला और सिने प्रेमियों ने जमकर सराहना किया था।

प्रसिद्ध अभिनेता श्री विनीत कुमार, ने कहा कि बिहार में दर्शकों को फिल्म के प्रति और रूझान पैदा करना ही मकसद हैं। फेस्टिवल डायरेक्टर श्री पंकज श्रेयस्कर ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल के दौरान १२२ देशों से ३५४३ फिल्मों की इंट्री मिली है जिसमें से १०० से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी। इसमें फीचर फिल्म, डॉक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) और शॉर्ट्स श्रेणियों जैसे फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें से अधिकांश फिल्मों भारत, ईरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, तुर्की, रूस, ब्राजील, जर्मनी, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, मैक्सिको, पोलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, आदि देशों की है। इसके साथ ही कई छोटे देश ऐसे हैं जो इस महोत्सव में पहली बार भाग ले रहे है। इसमें हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों के कई मेगा स्टार पहले से ही भाग लेने के लिए सहमति दे दिए हैं। केतन मेहता, विनीत कुमार, अदूर गोपाल कृष्णन, शत्रुघ्न सिन्हा, श्याम बेनेगल जैसे  प्रतिष्ठित लोग अपनी भागीदारी के लिए सहमति जता चुके हैं। वहीं, सुश्री एटामि बोरजाम, (क्रोएशिया), सुश्री मारिया कार्ला लोस (ऑस्ट्रिया), सुश्री अनोमा राजकरुणा (श्रीलंका) और श्री एंटोनियो उरानो (ब्राजील) ने जूरी के सदस्यों के रूप में उनकी भागीदारी की पुष्टि की है। इस कार्यक्रम में २००० से अधिक प्रतिनिधियों और दस लाख लोगों के हर दिन आने की उम्मीद है।

वहीं, बिहार राज्य के फिल्म डेवलपमेंट और फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन गंगा कुमार ने बताया कि इस तरीके के इवेंट से शहर और राज्य की गरिमा बढ़ती है। इसके साथ ही इस तरीके के इवेंट के द्वरा लोगों में समकालीन और एतिहासिक कला और संसकृति की जागरूकता भी बढ़ाई जाती  है।ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की अध्यक्षा स्नेहा राउत्रे ने बताया कि फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए फेस्टिवल डायरेक्टर श्री पंकज श्रेयस्कर, महोत्सव के  मुख्य सलाहकार श्री पी मजूमदार, महोत्सव के कार्यकारी निदेशक और प्रसिद्ध अभिनेता श्री विनीत कुमार, और दुबई के प्रख्यात उद्योगपति श्री ओबैदुर रहमान सरीखे गणमान्य लोग जोर शोर से लगे हुए हैं।

फेस्टिवल डायरेक्टर पंकज श्रेयस्कर ने बताया कि फिल्म महोत्सव में पिछले साल बॉलीवुड से १५० से अधिक कलाकारों और पांच लाख लोगों के द्वारा पिल्म फेस्टिवल की सराहना की गई थी। ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन के द्वारा हर साल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के तहत “बिहारः इक विरासत” के नाम से किया जाता है। इस साल इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का आयोजन १६ से २३ फरवरी, २०१७ को पटना में किया जाएगा।

विशेष जानकारी के लिए सम्पर्क करें- रविंद्र कुमार- ९८९९२३५०५५, माधवी- ८८६०६०५२२९, राहुल- ७०४२३५७२५३,

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना