स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (आर्यभट्ट ज्ञान विश्विद्यालय) द्वारा आयोजित
पटना/ मंगलवार को बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) और स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय मीडिया कार्यशाला की शुरुआत हुई जिसमें 2020 बैच के 08 प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा पदाधिकारियों ने शिरकत की. पहले सत्र में स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक डॉ इफ़्तेख़ार अहमद ने मीडिया और संचार के विषय में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने अंडरस्टैंडिंग मीडिया शीर्षक विषय पर मीडिया और मानव मनोविज्ञान तथा इसके समाज में संभावनाओं और सीमाओं पर चर्चा की। सरकार की योजनाओं के लिए मीडिया के उपयोग पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों को कई तरह के पुरस्कार प्राप्त फ़िल्म मंथन के कुछ हिस्से भी दिखाए गए ताकी वो डेवलपमेंट कम्युनिकेशन की समझ हासिल कर सकें. साथ ही उन्होंने पार्टिसिपेटरी कम्युनिकेशन के विषय में भी विस्तार से बताया.
सूचना और जन संपर्क विभाग के निदेशक कँवल तनुज के साथ विभाग के कई अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहें. श्री तनुज ने भी मीडिया से सम्बंधित कई अनुभव साझा किए और प्रशिक्षु अधिकारियों को बताया कि उन्हें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कोई भी घटना उनके ध्यान से नहीं निकले, इसके लिए उन्हें हमेशा सतर्क होना चाहिए. उन्होंने डिजिटल और सोशल मीडिया की चुनौतियों पर भी बल दिया.
दूसरे सत्र में वरिष्ठ पत्रकार इंडिया न्यूज़ के ब्यूरो चीफ श्री नीतीश चन्द्र ने मीडिया और प्रसाशन विषय पर चर्चा की. उन्होंने हाल के दिनों में वायरल हुई कई खबरों और वीडियो के माध्यम से बताया कि प्रसाशनिक अधिकारीयों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. सोशल मीडिया के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं की जानकारी भी दी.
कार्यशाला का उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों को मीडिया के काम करने के तरीके, गवर्नेंस और समाज की बेहतरी में मीडिया का उपयोग सम्बंधित विषय पर समझ विकसित करना था. इस कार्यक्रम का संचालन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की समन्वयक डॉ मनीषा प्रकाश ने किया