"मेड इन इंडिया" में भूली-बिसरी कलाओं की प्रदर्शनी
साकिब ज़िया/पटना/ बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने वाले पटना पुस्तक मेला में कला शिल्प ग्राम का आयोजन किया जा रहा है। द इंडिया आर्ट इन्वेस्टमेंट कंपनी और प्रेरणा ट्रस्ट की ओर से गत साल की तरह ही इस साल भी मेड इन इंडिया की ओर से "कला एवं शिल्प ग्राम" का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश भर के लगभग 40 शिल्पकार भारत की लोक कला एवं जनजातीय कला की 20 विधाओं को प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए कुल 25 स्टॉल लगाए जाएंगे।
द इंडिया आर्ट एण्ड इन्वेस्टमेंट कंपनी के सीईओ प्रशांत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस पहल का मकसद युवाओं को विभिन्न सांस्कृतिक और कलात्मक विधाओं को देखने, महसूस करने का अवसर देने के साथ ही उन्हें इन सबके बारे में जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से देश की गुम हो रही कला को संरक्षित करने और उनसे जुड़े कलाकारों को एक मंच मुहैया करवाना है। सीईओ ने बताया कि पूरे कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री बऊआ देवी आकर्षण का केंद्र रहेंगी जो अपनी मधुबनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाएंगी। इसके अलावा यहां दुर्लभ कलाकृतियां जैसे चंबा रूमाल, सांझी आर्ट, चेन्नापटनम के खिलौनों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए श्री सिंह ने कहा कि 40 पारंपरिक कलाकार और निफ्ट के 120 कला के छात्र मेले के दौरान लाइव 144 स्क्वायर फीट की एक पेंटिंग बनाएंगे। पेंटिंग का विषय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों पर आधारित होगा, यह पेंटिंग वर्तमान और आने वाले वर्ष 2025 तक के राज्य की तस्वीर प्रस्तुत करेगी। इस पेंटिंग को बाद में मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया भी किया जाएगा। इस आयोजन का एक उद्देश्य यह भी है कि पारंपरिक कलाकारों के घरवाले इन अद्भुत कला को संरक्षित रख पाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं जिस कारण कुछ एक कला अंतिम सांसें गिन रही है।
आयोजक ने यह भी बताया कि ज्यादा से ज्यादा युवा वर्ग इन सारी कला की ओर गंभीरता से प्रेरित होकर इसे सीखें ताकि कलात्मक प्रवृत्ति का विकास हो सके और आने वाली पीढ़ी भी इन अद्भुत कलाकृतियों को देख सके।