मिशन बिहार टेन्योर ?
इर्शादुल हक़। एक पते की बात बताता हूं. कुछ लोग ऐतराज कर सकते हैं. पर यथार्थ से मुंह मोड़ने वालों को देर-सबेर यह बात समझ आयेगी.
दिल्ली सलतनत के कुछ खास मीडिया समूह 'मिशन उत्तर प्रदेश' चला रहे हैं. और अब वे 'मिशन बिहार' पर गंभीरता से गौर कर रहे हैं.
'मिशन बिहार' का तात्पर्य है कि बिहार सरकार को जोरदार तरीके से ठीक वैसे ही घेरना, जैसे अखिलेश प्रसाद की सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किये जा रहे हैं.( यह काम गलत या सही है इस पर बाद में चर्चा करूंगा) इसके लिए कानून व्यवस्था, दुष्कर्म, अविकास, जैसे मुद्दों पर बिहार को ठीक वैसे ही घेरने की रणनीति है जैसे यूपी सरकार को घेरा गया है.
मिशन बिहार का टेन्योर एक साल का हो सकता है.
जिनको मेरी बातों पर ऐतराज है उनके लिए बस इतना कहना चाहूंगा कि अहमदाबाद या गुजरात में होने वाले रेप, अवव्यस्था मेन स्ट्रीम मीडिया में खोजने पर शायद ही कहीं मिल जाये पर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की सरकार वाले राज्यों की खबरें जोरदार ढ़ंग से उछालने की मशक्कत हो रही है.
दिल्ली सलतन के मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक रूप से छन कर आने वाली खबरें तो यही बता रही हैं.
अवस्वस्था, अत्याचार, हिंसा, अविकास जैसे मुद्दों पर सरकारों को घेरा जाना चाहिए और जरूर घेरा जाना चाहिए. पर दोनों आंखें खोल कर. आपको कुछ राज्यों की खामिया-खराबियां न दिखे और कुछ खास राज्यों की दिखें ( जहां विरोधी पार्टियों की सरकारें हैं) तो ऐसे में मीडिया की बेशर्मी पर सवाल तो उठेंगे साहब. जरूर उठेंगे.
Irshadul Haque·