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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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अब कई बडी खबरें, कुछ लोगों के दिमाग से निकलती हैं

उर्मिलेश/ तो बात समझ में आ गई न! अपने 'धारा-प्रवाह कवरेज' से टीवीपुरम ने इसमें कोई संदेह नहीं छोड़ा है! साबित हो चुका कि अब भारत नामक विशाल देश के पास कोई और बड़ी खबर नहीं है. खबर सिर्फ अमृतपाल है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक बस वही खबर है! क्यों सबसे बड़ी खबर है वह, किसने बनाया है उसे इतनी बड़ी खबर, वह दुबई से पंजाब आया ही कैसे था, किनके समर्थन से वह अचानक कुछ ही महीने में इतना 'दमदार' बना! पंजाब वालों को भी नहीं मालूम कि यह क्या 'खेला' है!

अभी दो-तीन महीने पहले जब मैं एक संगोष्ठी के सिलसिले में पंजाब(मालवा इलाके) गया था तो अमृतपाल नामक किसी चरित्र की कहीं भी मैने चर्चा नहीं सुनी. बताते हैं कि माझा के कुछ हलकों को छोड़कर पूरे पंजाब में कहीं भी उसकी खास चर्चा नहीं थी.

अजनाला थाने की घटना से वह चर्चा में आया. यह फरवरी के आखिरी हफ्ते की बात है. उस समय जिस तरह की उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी, नहीं की गई. शासकीय विफलता के लिए तरह-तरह की दलीलें दी गयीं. अब उसी 'चरित्र' को भारत देश की 'सबसे बड़ी खबर' बना दिया गया है. बहुत सारी बड़ी खबरों से मुल्क को फिलवक्त मुक्ति मिल गयी! तरह-तरह के पुलिस बल की भरपूर तैनाती के बावजूद वह गिरफ्तार से बचकर कहीं निकल गया. अब उसकी फरारी पर तरह-तरह की कथाएं सुनाई जा रही हैं. कौन जाने यह कब तक चलेगा!

अब कई बडी खबरें समाज से नहीं, कुछ लोगों के दिमाग से निकलती हैं. टीवीपुरम उसका प्रसारक भर होता है!

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सम्पादक

डॉ. लीना