हिन्दी प्रचारिणी सभा कैनेडा की त्रैमासिक पत्रिका के अक्टूबर-दिसंबर 2013 अंक के अतिथि सम्पादक हैं पंकज सुबीर
पिछले 13 वर्षों का प्रतिनिधित्व करने वाली चार कहानियों के माध्यम से अपने समय की पड़ताल करते हुए चार आलेख इस अंक की खासियत हैं। ये चार कहानियाँ हैं- स्त्री लेखन की प्रतिनिधि कहानी (चयन : सुप्रसिद्ध कहानीकार विमल चन्द्र पाण्डेय), पुरुष लेखन की प्रतिनिधि कहानी (चयन : सुप्रसिद्ध कहानीकार मनीषा कुलश्रेष्ठ), प्रवासी स्त्री तथा पुरुष लेखन की प्रतिनिधि कहानियाँ (चयन:सुप्रसिद्ध आलोचक साधना अग्रवाल)।
पत्रिका में साथ ही हैं- दूसरी परम्परा के सम्पादक डॉ. सुशील सिद्धार्थ से सुधा ओम ढींगरा का विशेष साक्षात्कार, नई सदी के कथा समय पर युवा आलोचक वैभव सिंह का आलेख, नई सदी के तेरह साल और हिन्दी किस्सागोई युवा कथाकार गौतम राजरिशी का आलेख, प्रवासी हिन्दी कहानी की नई सदी, वरिष्ठ कथाकार तेजेन्द्र शर्मा तथा अर्चना पैन्यूली के आलेख। साथ ही नई सदी में सामने आई प्रवासी कहानी पर साहित्यकारों के बीच गोलमेज परिचर्चा।
कहानीकार विवेक मिश्र के संयोजन में कथाकारों, सम्पादकों तथा आलोचकों के बीच परिचर्चा भी है।
''नई सदी की सबसे पसंदीदा दस कहानियाँ'' साहित्यकारों की पसंदीदा 10 कहानियाँ साथ में सम्पादकीय, आख़िरी पन्ना, साहित्यिक समाचार और भी बहुत कुछ।