राज्यसभा में उठा सवाल, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सोशल मीडिया बेलगाम भी हो गया है
नयी दिल्ली/ समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने आज राज्यसभा में सांसदों की तनख्वाह बढ़ाये जाने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर सांसदों की छवि ख़राब की जा रही है और उनकी तनख्वाह के बारे में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। श्री अग्रवाल ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते हुए ही व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया कि सांसदों के वेतन के बारे में और कैंटीन में सस्ते दर पर खाने को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रांतियां फैलाई जा रही है। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा, “मैं इस मामले में क्या कर सकता हूँ।” उन्होंने श्री अग्रवाल को सुझाव दिया कि वह सोशल मीडिया पर लोगों के इन आरोपों का खुद जवाब दें।
श्री अग्रवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 106 के तहत सदस्यों के वेतन भत्ते की बात कही गयी है लेकिन 2009 से सांसदों की तनख्वाह संशोधित नहीं की गयी है। इसके बावजूद फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ऐसी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, मानो सांसद ही देश को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सांसद को तनख्वाह मात्र 50 हज़ार रुपये मिलती है और भत्ते भी अधिक नहीं हैं लेकिन जनता हमको गाली देती है। वह समझती है कि हम चवन्नी की चाय संसद में पीते हैं और खाना सस्ते दर पर मिलता है लेकिन यह खाना तो पत्रकारों और संसद के कर्मचारियों को भी मिलता है केवल सांसदों को तो नहीं मिलता।
उनकी इस बात का कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने भी समर्थन किया।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार किया जा रहा है और असामाजिक गतिविधियाँ भी हो रही हैं। यदि सांसदों की छवि ख़राब की जा रही है तो इसक लिए हम भी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं लेकिन सोशल मीडिया बहुत बेलगाम भी हो गया है।