नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतनमान निर्धारण के लिये गठित मजीठिया वेतन बोर्ड के गठन को संवैधानिक करार देते हुये आज कहा कि उसकी सिफारिशों को मानने के लिये मीडिया संगठन बाध्य है।
मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंण्डपीठ ने वेतन बोर्ड के गठन, बोर्ड की सिफारिशों और केन्द्र सरकार की संबंधित अधिसूचना के खिलाफ विभिन्न मीडिया संगठनों की याचिकाये निरस्त करते हुये कहा कि संगठन बोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप एक अप्रैल 2014 से संशोधित वेतनमान लागू करेगे।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2011 से मार्च 2014 तक के वेतनमान की बकाया राशि एक साल के अंदर चार किस्तों में देने का निर्देश दिया है मजीठिया वेतन बोर्ड ने दिसंबर 2010 मे अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपी थी जिसपर केन्द्र सरकार ने नवंबर 2011 मे अधिसूचना जारी की थी। मजीठिया वेतन बोर्ड के खिलाफ मीडिया संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) में याचिका दायर की थी, जिस पर आज फैसला आया है।
मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पत्रकार संगठनों ने स्वागत किया है ।