Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

विश्वसनीयता का संकट पत्रकारिता की बड़ी चुनौती: मणिकांत ठाकुर

मुंगेर/  बिहार के प्रसिद्ध पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने कहा कि मीडिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है कि उसकी विश्वशनीयता बनाये रखा जाय. विश्वसनीयता सिर्फ खबरों के संकलन में नहीं बल्कि उसे प्रस्तुत करने और विशलेषित करने की आवश्यकता है. वे आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में  आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर '' मीडिया के सामने चुनौतियां '' विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे. इस संगोष्ठी का उद‍्घाटन मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार, जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर एवं अजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

मणिकांत ठाकुर ने कहा कि यदि पत्रकार के पास साक्ष्य के साथ तथ्य है तो उसे प्रस्तुत करने में कोई खतरा नहीं है. सही तथ्य सामने आने पर प्रशासन और समाज को भी दिशा मिलती है. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बाजार ने मीडिया को प्रभावित किया है. लेकिन हम अपने दायरे में तथ्यों को
प्रस्तुत करें.तो विश्वशनीयता बनी रहेगी. आम जनता का भरोसा मीडिया पर है. उसे टूटने नहीं दे. संगोष्ठी का उद‍्घाटन करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों को मीडिया को खास स्थान देना चाहिए. आज समाज में अनेक प्रकार की कुरितियां हैं. इन कुरितियों के खिलाफ मीडिया की लड़ाई होनी चाहिए. साथ ही सरकार की जो महत्वपूर्ण योजना है. उन योजनाओं से आम लोग कैसे लाभान्वित हो तथा इसमें क्या बाधाएं है. इस दिशा में ठोस पहल किये जाने की आवश्यकता है.

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी उदय कुमार सिंह ने कहा कि मीडिया
लोकतंत्र के चौथा स्तंभ के रूप में जाना जाता है. इसके स्वरूप में भूमंडलीकरण के प्रभाव से कुछ अंतर तो आया है. लेकिन मीडिया का विस्तृत दायरा है. इस दायरे का प्रयोग बेहतरी के लिए होना चाहिए. तभी हम सशक्त भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हो सकेंगे. वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि मीडिया के समक्ष जो चुनौती पहले से थी. उसके स्वरूप में व्यापक परिवर्तन हुआ है. व्यापकता के दौर में खबरों की गति में तो तेजी आयी है और इस तेजी के चक्कर में कभी-कभी चूक भी हो रही है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. इसके अलावा मीडिया को प्रभावशाली लोग अपने शिकंजे में कर उसका अपने तरीके से इस्तेमाल करना चाहते है. जबकि आम लोगों की बात होने से एक सकारात्मक संदेह जा सकता है.

विषय प्रवेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक केके उपाध्याय ने की. जबकि संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन ने करते हुए कहा कि जो छिपी हुई बात है. उसे सामने लाना ही पत्रकारिता है. मौके मृदुला झा, अब्दुल्ला बुखारी, निसार अहमद आसी, शिक्षा विभाग की उपनिदेशक प्रतिभा कुमारी, नरेश चंद्र राय, कौशल किशोर पाठक, राजेश मिश्रा, कृष्णा प्रसाद, अवधेश कुंवर, सज्जन गर्ग सहित अन्य ने संबोधित किया. 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना