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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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रिसर्च जर्नल ‘समागम’ अनवरत प्रकाशन के 18 वर्ष

19वें वर्ष के पहले अंक का लोकार्पण 28 को चित्रकूट में 

भोपाल/ रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का प्रकाशन का आरंभ एक लघु पत्रिका के आकार में हुआ था. यह बात साल 2000 की है. तब से लगाकर साल 2019 में अपने अनवरत प्रकाशन के 18 साल पूरे कर 19वें वर्ष में प्रवेश कर गई है. इस नए अंक का विमोचन 28 फरवरी 2019 को पावन भूमि चित्रकूट में होने जा रहा है. रिसर्च जर्नल ‘समागम’ परिवार के लिए यह हर्ष का क्षण है. इन बीते 18 साल के हर महीने हमारे लिए एक अनुभव का रहा है. आर्थिक रूप से सीमित संसाधनों में 44 पृष्ठों की पत्रिका का प्रकाशन असंभव नहीं है तो सहूलियत भरा भी नहीं है. यह बात इस विधा से जुड़े लोग भली-भांति जानते और समझते हैं लेकिन जब आप ठान लेते हैं तो कुछ भी मुश्किल नहीं है. हालांकि एक बड़ी मुश्किल हमारे सामने यह है कि कंटेंट को लेकर रिसर्च जर्नल ‘समागम’ से जुड़े लोग बेहद गंभीर हैं सो हमें सर्तक रहना होता है. रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का हर अंक विषय विशेष का होता है. कोशिश होती है कि पाठकों, खासतौर पर पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों एवं मीडिया शिक्षा से संबद्ध शिक्षकों को ऐसी सामग्री मिल सके जो शोध के साथ संदर्भ की हो. मीडिया के साथ सिनेमा को लेकर भी हम नियमित रूप से सामग्री का प्रकाशन करते हैं. इस बार के नए अंक में सिनेमाटोग्राफी कानून में जो संशोधन किया गया है, संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ संसोधन की जानकारी प्रकाशित की गई है. यह संदर्भ की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. 

रिसर्च जर्नल ‘समागम’ ने अपने इस सफर में उन विषयों पर भी सामग्री का प्रकाशन किया है जिनके सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं जिसमें भारतीय सिनेमा के सौ साल पर सौ पृष्ठों का विशेषांक, महात्मा गांधी के चम्पारण यात्रा के सौ साल, महिला दिवस के सौ साल, इंदिरा गांधी के जन्म के सौ साल आदि-इत्यादि पर केन्द्रित रहा है. इस समय हम महात्मा गांधी के जन्म के डेढ़ सौ वर्ष सेलिब्रेट कर रहे हैं. यह सिलसिला अक्टूबर 2018 से आरंभ हुआ है और अक्टूबर 2019 में पूरा होगा. अक्टूबर 2018 में रिसर्च जर्नल ‘समागम’ के सौ पृष्ठों के विशेष अंक का प्रकाशन किया गया और ऐसी ही कोशिश 2019 अक्टूबर की भी है. इस पूरे वर्ष गांधी के विविध पहलुओं पर हर माह दो आलेख प्रकाशित किए जा रहे हैं.

रिसर्च जर्नल ‘समागम’ के नियमित प्रकाशन में समाचार4मीडिया, मीडियामोरचा, भड़ास4मीडिया, रचनाकार के साथ अन्य वेबसाइट से प्राप्त कतिपय सूचना/खबरें सहायक होती हैं. प्रवक्ताडॉटकॉम सहित अनेक वेबसाइट से रिसर्च जर्नल ‘समागम’ को सहयोग और प्रोत्साहन मिलता रहा है. साल 2011 में प्रतिष्ठित समाचार पत्रिका इंडिया टुडे ने रिसर्च जर्नल ‘समागम’ के बारे में समीक्षा का प्रकाशन किया था. समाचार पत्रिका शुक्रवार ने भी अपने पन्नों पर रिसर्च जर्नल ‘समागम’ को स्थान दिया. रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का सम्पादन मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया अध्येता मनोज कुमार कर रहे हैं. श्री मनोज कुमार पत्रकारिता के इतर रेडियो के जानकार हैं तथा उनकी 8 किताबें अब तक प्रकाशित हो चुकी है. मीडिया अध्यापन से भी वे संबद्ध हैं. 

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सम्पादक

डॉ. लीना