Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

महिला पत्रकारों से बदसलूकी के विरोध में पत्रकारों का प्रदर्शन

नयी दिल्ली/ दिल्ली में विभिन्न समाचार पत्रों, चैनलों तथा अन्य प्रकाशन संस्थानों से जुड़े पत्रकारों ने एक प्रदर्शन को कवर करने गयी महिला पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के विरोध में आज यहां पुलिस मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। फ़ोटोजर्नलिस्टों ने पुलिस मुख्यालय के सामने कैमरे रखकर महिला फ़ोटोजर्नलिस्टों के साथ बदसलूकी पर विरोध जताया।

प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने महिला पत्रकारों के साथ की गयी बदसलूकी की निंदा करते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के शुक्रवार को यहां आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने महिला प्रत्रकारों के साथ बदसलूकी की। पत्रकारों के साथ अक्सर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं इसलिए पुलिस आयुक्त आकर इस मामले में उनसे बातचीत करें और आश्वासन दें कि दोबारा इस तरह की घटनाएं नहीं हों।

प्रदर्शन के दौरान महिला पत्रकारों के साथ हुई घटना का एक वीडियो वाइरल हुआ है जिसमें महिला पुलिस पत्रकारों के साथ बदसलूकी कर रही हैं। यह घटना जेएनयू के छात्रों के यौन शोषण के मामले के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई।

दिल्ली पुलिस ने महिला पत्रकारों के साथ हुए व्यवहार पर खेद जताते हुए बयान जारी करके कहा है कि इस घटना को गंभीरता से लिया गया है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

दरअसल हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्टर अनुश्री कल ज़मीन पर गिरे एक लड़के को पीट रहे पुलिसवालों की तस्वीर ले रही थीं। पास खड़े एक अफ़सर ने कहा, "इसका कैमरा तोड़ दो।" फिर अनुश्री का कैमरा छीन लिया गया।

एक दूसरी पत्रकार को एक पुलिसवाले ने धक्का दिया और ऐसा करते हुए उसकी छाती दबाई। बाद में पुलिस ने सफ़ाई दी कि उस पुलिसवाले ने महिला पत्रकार को छात्रा समझ लिया था। इसके अलावा फ़र्स्टपोस्ट के पत्रकार प्रवीण सिंह को हाथ में गहरी चोट लगी। दूसरे पत्रकारों के साथ भी बहुत कुछ हुआ।

(तस्वीर- सुयश सुप्रभ के फेसबुक वाल से साभार  )

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना