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भारतीय फिल्मों का संरक्षण एएमपीएस के साथ सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है

गोवा/ में आयोजित 47 वें भारत अंतरर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव -2016 के दौरान अकादमी ऑफ मोशन पिक्‍चर आर्ट्स एंड साइंस (एएमपीएस) के पूर्व अध्‍यक्ष और अमेरिकी मोशन पिक्‍चर एग्‍जक्‍यूटिव तथा फिल्‍म निर्माता श्री सिड गैन्सि और एएमपीएस की संरक्षणवादी मिस टेस्‍सा आइडलवाइन ने आज संवादाताओं को संबोधित किया।

श्री सिड गैन्सि ने कहा कि अकादमी ने भारतीय फिल्‍म निर्माताओं और गोवा के साथ भारत अंतरर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव के माध्‍यम से बहुत नजदीकी संबंध विकसित किया है। उन्‍होंने  कहा कि पिछले कुछ वर्षों से अकादमी भारतीय हस्तियों और फिल्‍म निर्माताओं के बारे में जानकारी हासिल कर रही है और वह भारतीय फिल्‍म उद्योग के साथ अपने संबंधों को और विस्‍तार देना चाहती है। इसे घनिष्‍ठ बनाना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि अकादमी  सिर्फ अमेरिका और हॉलीवुड के लिए  ही नहीं है बल्कि यह पूरी दुनिया के फिल्‍म निर्माताओं और कलाकारों के लिए भी है।

आईएफएफआई-2016 के दौरान उन्‍होंने एएमपीएस द्वारा आयोजित ऑस्‍कर पुरस्‍कार के लिए विदेशी भाषाओं की फिल्‍मों के लिए एक विशेष कार्यशाला का भी संचालन किया। श्री सिड हॉलीवुड में सोनी पिक्‍चर्स ,लुकासफिल्‍म ,वार्नर ब्रदर्स और परामाउंट जैसे बड़े स्‍टूडियो में एग्‍जक्‍यूटिव के रूप में काम कर चुके हैं। साथ ही उन्‍होंने बिग डैडी,ड्यूस, वायगैलोव,मिस्‍टर डीड्स ,द मास्‍टर ऑफ डिसगाइज,ए किला एंड द बी जैसी फिल्‍मों का भी निर्माण किया। मिस टेस्‍सा आइडलवाइन ने एएमपीएस द्वारा संरक्षण के लिए फिल्‍मों के चयन के मानदंडों की चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले तो ऑस्‍कर पुरस्‍कार के लिए  नामित फिल्‍मों को वरीयता दी जाती है लेकिन चयन का केवल यही मापदंड नहीं है। ऑस्‍कर  पुरस्‍कार  के लिए नामित फिल्‍मों के अलावा उन फिल्‍मों के संरक्षणको भी तवज्‍जो दी जाती है जो अद्वितीय, महत्वपूर्ण और खस्ताहाल हैं। इस परियोजना के तहत ली गई 37 फिल्‍मों में से 21  फिल्‍मों को  सफलतापूर्वक बहाल कर दिया गया है। सत्‍यजीत रे की कलाकीर्तियों के संरक्षण  के बारे में सुश्री टेस्‍सा ने कहा कि एएमपीएस महान कलाकार की कीर्तियों को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्‍होंने बताया किया श्री रे की तिकड़ी‘अपु’ को बचा लिया गया है।  इसका नेगेटिव लगभग जल चुकी थी। आईएफएफआई-2016 के दौरान उन्‍होंने सत्‍यजीत रे की कलाकीर्तियों के संरक्षण की परियोजनों पर एक कार्यशाला का भी संचालन किया।

फिल्‍म महेात्‍सव निदेशालय के निदेशक श्री सेंथिल रंजन ने संवाददाताओं से कहा भारतीय फिल्‍म लेखागार (एनएफएआई) और अकादमी ऑफ मोशन पिक्‍चर आर्टस एवं साइंस (एएमपीएस) के  बीच भविष्‍य में भारतीय फिल्‍मों के संरक्षण की दिशा में और अधिक सहयोग होगा। अकादमी ऑफ मोशन पिक्‍चर आर्ट्स एंड साइंस (एएमपीएस) के पूर्व अध्‍यक्ष और अमेरिकी मोशन पिक्‍चर एग्‍जक्‍यूटिव,फिल्‍म निर्माता श्री सिड गैन्सि तथा एएमपीएस की  वर्तमान संरक्षणवादी मिस टेस्‍सा आइडलवाइन ने 25 साल पुराने सक्रिय संरक्षण कार्यक्रम के बारे में विचार –विमर्श किया। यह कार्यक्रम 1991में शुरू किया गया था। उन्‍होंने अकादमी के कोष्‍ठ की भी चर्चा की जिसमें 92,000 फिल्‍में रखीं गई हैं।

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सम्पादक

डॉ. लीना