बालश्रम उन्मूलन की महत्ता का एहसास पैदा करने में मीडिया की अहम भूमिका-श्री वृशिण पटेल, मंत्री परिवहन तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग
बालश्रम उन्मूलन के लिए जागरूकता एवं एडवोकेसी के लिए मीडिया के साथ रणनीति निर्माण को लेकर राज्यस्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
पटना, 09 अक्टूबर। शिक्षा के अधिकार सहित तमाम बाल अधिकारों के संरक्षण एवं बालश्रम उन्मूलन के की महत्ता का एहसास पैदा करने में मीडिया की अहम भूमिका है। बिहार बालश्रम आयोग एवं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित एवं यूनिसेफ द्वारा प्रायोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए आज यह उद्गार बिहार सरकार के परिवहन तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री वृशिण पटेल ने व्यक्त किये।
श्री पटेल ने कहा कि बच्चों में अनंत संभावनाएँ छिपी होती है, मौका मिलने पर उनकी प्रतिभाओं का विकास किसी हद तक हो सकता है। यह समुदाय का दायित्व है कि उनके तमाम बाल अधिकारों से वंचित होने से बचाएँ, ताकि उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास हो और वे समाज और देश के लिए अधिकतम योगदान कर सकें। उन्होंने ग्रामीण परिवेश के उदाहरण के साथ शिक्षा के अधिकार सहित तमाम बाल अधिकारों के संरक्षण एवं बालश्रम उन्मूलन के प्रति आम जन में एहसास पैदा करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए इस दिशा में मीडिया की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सिद्दत की गरीबी के बावजूद गया की गुड़िया खातून ने पढ़ाई जारी रखी, तीन-चार साल की पढ़ाई के बाद उसको इंग्लैन्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
श्री पटेल ने कहा कि देश के विकास के लिए बिहार का विकास जरूरी है। यदि बिहार के साढ़े दस करोड़ लोगों के स्वास्थ्य-शिक्षा-कौशल विकास का इंतजाम कर दिया जाए तो बिहार के विकास की गति तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मीडिया के प्रति समाज एवं लोगों का प्रबल विश्वास है । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज की कार्यशाला में व्यापक विचार-विमर्श के बाद मीडिया स्ट्रेटेजी की जो रूप रेखा बनेगी, उसके क्रियान्वयन से बालश्रम उन्मूलन एवं शिक्षा के अधिकार के प्रति जागरूकता पैदा करने की दिशा में सार्थक सफलता मिलेगी। उन्होंने मीडिया का आह्वान किया कि वे अपनी संवेदनशीलता, जानकारी एवं ज्ञान का फोकस समाज और प्रदेश के विकास के साथ-साथ बालश्रम उन्मूलन एवं बाल अधिकारों के संरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर केन्द्रित करें।
उद्घाटन सत्र में समारोह को संबोधित करते हुए बिहार बालश्रम आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद ने बालश्रम उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे कार्यों एवं वैधानिक प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। बचपन बचाओ आन्दोलन से जुड़े भुवन जी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये न्याय निर्देशों के मद्देनजर बाल अधिकारों के बहुआयामी प्रावधानों की चर्चा करते हुए कई दृष्टांत उद्धृत किये। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने स्वागत भाषण किया और कार्यशाला एवं प्रतिभागियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। यूनिसेफ की काम्यूनिकेशन आफिसर निपुण ने बाल अधिकारों के संरक्षण के प्रति पूरी प्रतिवद्धता व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों का आह्वान किया कि-‘‘बालश्रम को ना, शिक्षा को हाँ’’ का नारा बुलन्द करें और इसके लिए प्रो-ऐक्टिव एवं कलेक्टिव पहल करें।
उद्घाटन सत्र में बालश्रम पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गयी। कार्यशाला में भाग लेने के लिए आये वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, राज लक्ष्मी तथा बाल अधिकारों से जुड़े विभिन्न संगठनों के कई अन्य प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये और प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिये गये। इसके अलावा तकनिकी सत्र में हुई समूह चर्चा के बाद मीडिया रणनीति की रूप रेखा पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।