नयी दिल्ली/ उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने विदेशी संवाददाताओं से कहा कि वे पहले देश की संस्कृति, इतिहास, प्रकृति, परंपरा, वहाँ के लोगों की जीवनशैली के बारे में समझें फिर रिपोर्ट करें और देश के ‘बेहद आलोचनात्मक’ अंग्रेजी मीडिया के अधर पर अपनी राय न बनायें। श्री नायडु कल यहाँ फॉरेन कारेस्पांडेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया की 60वीं वर्षगाँठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि कहा कि विदेशी संवादादाताओं को किसी देश के विकास या अन्य घटनाओं के बारे में रिपोर्ट करने से पहले उस देश की संस्कृति, इतिहास, प्रकृति, परंपरा, वहाँ के लोगों की जीवनशैली के बारे में जानना चाहिये। भारत जैसे फलते-फूलते और सजग संसदीय लोकतंत्र वाले देश को समझना, जहाँ प्रेस को पूरी आजादी और लोगों को पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता है, बाहर के लोगों के लिए एक चुनौती है। देश में काम करने वाली बाहरी मीडिया एजेंसियों को उन्होंने क्षेत्र में भ्रमण कर और लोगों से मिलकर भारत को समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी को हमारे बेहद आलोचनात्मक अंग्रेजी मीडिया के आधार पर अपनी राय नहीं बनानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा की छिटपुट घटनाओं के आधार पर पूरे देश को असहिष्णु करार नहीं दिया जा सकता। यदि मुट्ठी भर धार्मिक रूढ़िवादी हिंसा करते हैं तो पूरे देश को असहिष्णु नहीं कहा जा सकता।