नई दिल्ली / केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामले मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने पिछले ढाई वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए आम सहमति के जरिए अनेकानेक निर्णय लेने हेतु अपनी ओर से सर्वोत्तम प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान एनडीए सरकार ने प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों में सत्ता संभाली थी और उसके सामने चुनौती आर्थिक निर्णय लेने की प्रक्रिया की विश्वसनीयता को फिर से स्थापित करने की थी। लेकिन, सरकार ने यह चुनौती स्वीकार की और देश के व्यापक हित में जोखिम उठाकर भी कुल मिलाकर जनता के हित में हरसंभव निर्णय लेने और अर्थव्यवस्था के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए अपनी ओर से भरसक कोशिश की। वित्त मंत्री श्री जेटली 10 नवम्बर को नई दिल्ली में दो दिवसीय आर्थिक संपादक सम्मेलन (ईईसी) -2016 का उद्घाटन करने के बाद उद्घाटन भाषण दे रहे थे।
सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णयों का जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है, प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया और भारत में कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित कर सुधारों पर काम कर रही है। श्री जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ने सर्वाधिक हकदार माने जाने वाले लोगों को सरकारी सब्सिडी अवश्य सुलभ कराने के उद्देश्य से अनेकानेक कदम उठाए हैं। े उन्होंने कहा कि प्रमुख मुद्दों का समाधान कर लिया गया है और जीएसटी को 1 अप्रैल, 2017 तक बाकायदा लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा,
प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में समानांतर सुधारों को लागू करने की भी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कर संग्रह इस साल काफी अच्छा रहा है, सार्वजनिक व्यय में बढ़ोतरी हुई है और स्थानीय मांग बढ़ रही है। अत: अधिक मूल्य के करेंसी नोटों का चलन बंद करने के हालिया निर्णय का सकारात्मक असर होगा। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि पुराने करेंसी नोटों के बदले छोटी रकम जमा कर रहे लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा।
सरकार के नीति निर्माताओं के साथ सीधी बातचीत का अवसर क्षेत्रीय संपादकों को उपलब्ध कराने के लिए पत्र सूचना कार्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री जेटली ने कहा कि पत्र सूचना कार्यालय सरकारी संचार कार्य से निपटने में बहुत प्रभावी रहा है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों, देश भर से आए संपादकों एवं अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के महानिदेशक श्री फ्रैंक नोरोन्हा ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए वरिष्ठ वित्त पत्रकारों को मुख्य आर्थिक मुद्दों पर मंत्रियों एवं भारत सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने का एक मंच प्रदान कराना है।
यह दो दिवसीय सम्मेलन पत्र सूचना कार्यालय द्वारा वित्त मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। आर्थिक संपादक सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के विभिन्न प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों की मुख्य नीतिगत पहलों, उपलब्धियों एवं भावी रोडमैप के बारे में मीडिया को जानकारी देना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से सरकार की किसी विशेष पहल की पृष्ठभूमि और प्रासंगिक संदर्भ के बारे में अलग-अलग दृष्टिकोण प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को जानकारी देने के इस प्रयास से बेहतर और सुविज्ञ धारणाएं बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो इसमें भाग ले रहे मीडिया प्रतिनिधियों के विभिन्न स्तंभों और रिपोर्टों के जरिए लोगों को लाभान्वित एवं सशक्त करेगा।
देश के विभिन्न भागों से आए आर्थिक संपादक और दिल्ली में कार्यरत कई ब्यूरो प्रमुख एवं बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। वित्त मंत्रालय के अलावा वाणिज्य और उद्योग, रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नीति आयोग की ओर से भी इस सम्मेलन में शिरकत की जा रही है।
विज्ञापन और श्रव्य-दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने ‘भारत की आजादी के 70 साल’ के अवसर पर एक प्रदर्शनी आयोजित की है।