उदयपुर। राजस्थानी तथा गुजराती लोक साहित्य की परंपरा, निरंतरता व जनचेतना विषय पर राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर, सौराष्ट्र युनिवरसिटी राजकोट और डॉ मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शनिवार और रविवार को झुलेलाल भवन में होगा।राष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन सौराष्ट युनिवरसिटी के कुलपति डॉ एम के पाडलिया करेंगे। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि मोहन लाल सुखाडिया युनिवरसिटी के कुलपति आई वी त्रिवेदी होंगे। गुजरात साहित्य अकादमी के महा सचिव हर्षद त्रिवेदी विशिष्ठ अतिथि होंगे। मुख्य वक्तव्य कवी कथाकार समालोचक डॉ चेतन स्वामी देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्याम महर्षि करेंगे। स्वागत डॉ मोहन सिंह मेहता ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय एस मेहता करेंगे। लोक साहित्य केंद्र गुजरात के डॉ अम्बादान रोहादिया, पत्रकार रवि पुरोहित खास अतिथि होंगे। राजस्थानी साहित्य अकादमी के सचिव पृथ्वीराज रतनु उदघाटन सत्र का संयोजन करेंगे।
दो दिवसीय संगोष्ठी में राजस्थानी, गुजराती व डिंगल भाषा और संत साहित्य व् जन चेतना, गुजराती और राजस्थानी साहित्य की समानताये तथा राजस्थानी व गुजराती लोक साहित्य विषयक परिचर्चाये और पत्र वाचन होंगे।
विभिन्न सत्रों में राजस्थानी भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष नारायण सिंह पीथल, गुजरात सरकार के पूर्व मुख्य सचिव बसंत भाई गडवी, गुजराती साहित्यकार डॉ मनोज रावल, राजस्थानी साहित्यकार डॉ गजानंद चरण, डॉ श्याम सुन्दर भारती, डॉ राजेंद्र बारहट ,साहित्य कार डॉ महेन्द्र भानावत, डॉ तीर्थंकर रोहादिया, डॉ माधव नागदा, डॉ दरबार पुन्जावाला, डॉ आईदान सिंह भाटी, डॉ बलवंत जानी डॉ हर्ष याग्निक ,डॉ श्रीकृष्ण जुगनू, डॉ किरण नहता डॉ लक्ष्मी कान्त व्यास डॉ जय प्रकाश पंड्या तथा उत्तर गुजरात युनिवरसिटी के पूर्व कुलपति डॉ बलवंत जानी तथा राजस्थानी साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष देव कोठारी अपने व्याख्यान देंगे।
प्रेस विज्ञप्ति