बौंसी (बांका) / साहित्य - मनीषी श्रद्धेय आनंद शंकर माधवन जी के 109 वें जन्मोत्सव की कड़ी में माधवन साहित्य परिचर्चा सह राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का एक भव्य आयोजन मंदार विद्यापीठ बौंसी, बांका के प्रांगण में कल सम्पन्न हुआ। श्री मनोज दोष के आरंभिक संबोधन तथा विशिष्ट अतिथि डॉ.अहमद अबदुल्ल हयी एवं मंदार विद्यापीठ के सचिव अरविंदाक्षण मडम्वथ द्वारा दीप - प्रज्वलन के साथ किया गया जबकि अद्वैत मिशन हाई स्कूल मंदार विद्यापीठ की बच्चियों ने एक समूह - गान भी किया। अद्वैत मिशन के शिक्षक - प्रशिक्षण की छात्राओं द्वारा एक समूह - नृत्य की प्रस्तुति की गयी। मुख्य अतिथि के स्वागत व संवोधन के उपरान्त माधवन साहित्य परिचर्चा का शुभारंभ किया गया। इसके मुख्य - वक्ता डॉ. अचल भारती ने मधवन साहित्य पर एक सम्पूर्ण विवेचन प्रस्तुत किया.। संस्थान के शिक्षक उज्जवल कुमार झा, डॉ. राजीव ठाकुर, एवं रंजीत शर्मा ने भी माधवन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला । तत्काल बाद मुख्य अतिथि डॉ. हयी एवं अरविंदाक्षण मड्मवथ द्वारा ' माधवन साहित्य रत्न सम्मान ' कर्मनिष्ठ एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अचल भारती को वेहतर प्रस्तुति के लिए ( मो. एक्यावन हजार की राशि के साथ) दिया गया तथा इनके साथ अन्य आगन्तुक कवियों को भी सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ डॉ. अचल भारती की ही अध्यक्षता में हुआ जबकि संचालन का गुरुतर भार युवा कवि अजीत संगम ने उठाया । नामचीन कवियों / कवयित्रियों में हास्य - व्यंग्य के धुरन्धर, मधेपुरा, बिहार के शम्भू शिखर, प्रेम - गीतों की राजरानी भुवन मोहनी व मीना बंधन, वीर - रस के ओजववाहक कवि प्रख्यात मिश्र, पंजाव के पूत पौरूष - वाहक डॉ.मीत जरम सतपुरी एवं प्रेम - श्रृंगार के सुगबुगाते कवि लिटिल विश्वास तथा अंगिका साहित्य के कुशल काव्यकार डॉ. मनजीत सिंह किनवार तथा सरस साहित्य के वंदन मनीष नंदन आदि ने श्रोताओं को हंसने - गुदगुदाने, चिंतन करने व और बहुत - कुछ सोचने को विवश किया । इस तरह साहित्य आकाश तले एक रंगारंग शाम मंदार की उपत्यका के नाम रहा । कार्यक्रम की समाप्ति के पूर्व संस्थान के निदेशक द्वारा सम्मानित एवं उपस्थित प्रतिभागियों को प्रशस्ति - पत्र के साथ प्रतीक - चिह्न भेंट स्वरुप प्रदान किया गया । इसके पीछे अश्विनी झा, मुरली झा, उमेश सिंह आदि की भरपूर सक्रियता देखी गयी।