इंडियन फैडरेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स, नई दिल्ली के उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष, चन्द्रशेखर जोशी ने विज्ञापन देने के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगते हुए लिखा है यह पत्र
डीएवीपी यानि DIRECTORATE OF ADVERTISING AND VISUAL PUBLICITY – DAVP, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला यह विभाग देश भर के हर छोटे व बडे समाचार पत्रों को विज्ञापन हेतु इम्पैनल करता है, बडे अखबारों को छोडकर लघु व मध्यम समाचार पत्रों को साल भर में बडी मुश्किल से दो विज्ञापन देता है, वह भी 400 वर्गसेमी. के। वही विज्ञापन इम्पैनलमेंट कराने में रिश्वतखोरी का आलम यह है कि इम्पैनल के रेट बंध गये हैं, देश भर के लघु व मध्यम समाचार पत्रों में इस सरकारी एजेंसी के खिलाफ तीव्र रोष है।
कांग्रेस सरकार के जाने के बाद उम्मीद बंधी थी कि मोदी सरकार में यह सरकारी एजेंसी सही चलेगी, परन्तु मोदी सरकार में इसकी तानाशाही नही रूक पायी है, लघु व मध्यम समाचार पत्रों को विज्ञापन नही, इम्पैनलमेंट कराने में भारी रिश्वतखोरी-पक्षपात, तानाशाही- मोदी सरकार पर बदनुमा दाग लगाने में लगी है यह सरकारी एजेंसी। इस एजेंसी के कारण मोदी सरकार को बदनाम होना पड रहा है, प्रधानमंत्री मोदी जी जब योजना आयोग को खत्म कर सकते हैं, तो क्या इस तानाशाही एजेंसी के लिए मोदी जी व केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री के पास कोई उपाय नही है, कांग्रेस सरकार में मैंने तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी को फेसबुक में ही खुला पत्र लिखकर अवगत कराया था कि डीएवीपी सरकारी एजेंसी के कारण पूरे देश में आपको बदनामी झेलनी पड रही है, चुनावों के दौरान यही साबित हुआ- जिससे वह चुनावों में उतरने की हिम्मत तक नही कर सके।
मैं प्रधानमंत्री जी व सूचना प्रसारण मंत्री को अवगत कराना चाहता हूं कि इस बेलगाम तानाशाही एजेंसी पर रोक न लगायी गयी तो भाजपा सरकार को देशव्यापी अपयश का भागी बनना पडेगा, और डीएवीपी में बैठे बेईमान अधिकारी मौज करते रहेगे और देश के लघु व मध्यम समाचार पत्रों के प्रकाशक/सम्पादक मोदी सरकार से खिन्न होगें।
सादर
चन्द्रशेखर जोशी- उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष- इंडियन फैडरेशन अाफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स, नई दिल्ली- मेल- csjoshi_editor@yahoo.in mob. 09412932030