पटना। दुनिया में टी.बी.(यक्ष्मा) रोग का सबसे ज्यादा बोझ भारत पर है। आंकड़ों के मुताबिक विश्व के कुल टी.बी. मामलों में एक चौथाई हमारे देश में होते हैं। साल 2014 में भारत में टी.बी. के 21 लाख से ज्यादा मामले सामने आये। टी.बी. से हर वर्ष 2.4 लाख भारतीयों की मौत हो जाती है और ये बीमारी भारत में व्यस्कों की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है।
राज्य यक्ष्मा कोषांग ने “ग्लोबल हैल्थ स्ट्रेटेजीस” के सहयोग से पटना में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया जहां विशेषज्ञों ने टी.बी. से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कार्यशाला का मकसद रोग के लक्षण, समय पर डायग्नोसिस और उपचार की आवश्यकता, जागरूकता बढ़ाने की जरूरत और टी.बी. नियंत्रण में मीडिया क्या भूमिका निभा सकती है जैसे विषय शामिल किए गए। इस कार्यशाला में उपस्थित व्यक्तियों में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक के.पी.सिन्हा, राज्य टीबी अधिकारी डॉ. के.एन.सहाय, वर्ल्ड हैल्थ पार्टनर्स में प्रोजेक्ट हैड(अर्बन टीबी) डॉ.नीता झा, सुपर 30 इंस्टीट्यूट के संस्थापक आनंद कुमार, इंडिया टीवी के संवाददाता नीतीश चंद्रा. टीबी पेशेंट ऐडवोकेट्स और इलैक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के कई पत्रकारों ने भी भाग लिया।
रिपोर्ट- साकिब ज़िया, ब्यूरो चीफ मीडियामोरचा