कैलाश दहिया/ महान आजीवक कबीर साहेब के नाम से लोग अभी भी गफलत में हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर भी गलत कयास लगाए गए हैं। वैसे तो कबीर साहेब को ले कर सारी बहसें खत्म की जा चुकी हैं। जिस में अच्छे-अच्छे खेत रहे। बावजूद इस के, निहित स्वार्थवश अभी भी कबीर पर लोग मुंह उठाकर बोलने लगत…
Blog posts May 2021
संभावनाओं भरा है हिंदी पत्रकारिता का भविष्य
30 मई 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' पर विशेष
डॉ. पवन सिंह मलिक/ 30 मई 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' देश के लिए एक गौरव का दिन है। आज विश्व में हिंदी के बढ़ते वर्चस्व व सम्मान में हिंदी पत्रकारिता का विशेष योगदान है। हिंदी पत्रक…
पत्रकारिता दिवस का मान बढ़ाया भोपाल-इंदौर ने
30 मई 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' पर विशेष
मनोज कुमार/ एक पत्रकार के लिए आत्मसम्मान सबसे बड़ी पूंजी होती है और जब किसी पत्रकार को अपनी यह पूंजी गंवानी पड़े या गिरवी रखना पड़े तो उसकी मन:स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता ह…
पाठकों में विश्वास पैदा करे मीडिया
हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा ‘कोरोना काल के बाद की पत्रकारिता’ विषय पर चर्चा…
दिवंगत पत्रकारों के कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें श्रद्धांजलि : आलोक मेहता
कोरोना के कारण दिवंगत हुए पत्रकारों को नारद जयंती पर किया गया याद
भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दिवंगत हुए पत्रकारों के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी…
कोविड से जान गंवाने वाले पत्रकारों के 67 परिवारों को वित्तीय सहायता की मंजूरी
केंद्र सरकार देगी प्रत्येक परिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पत्रकार कल्याण योजना के तहत 5 लाख रुपये की राशि …
नारद दृष्टि : पत्रकारिता का पथ प्रदर्शक
डॉ. पवन सिंह मलिक/ आज पूरा विश्व भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है, क्योंकि भारत ही विश्व को सही दिशा और दशा देने की क्षमता रखता है। ऐसे में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होने के कारण मीडिया जगत की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है कि विश्व के समक्ष अपने राष्ट्र की कैसी तस्वीर प्रस…
कोराना प्रभावित मरीज़ों, परिवारों की मदद कर रहा है समर चैरिटेबल ट्रस्ट
पटना/ कोविड - 19 की दूसरी लहर के दौरान समर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा फुलवारी शरीफ़ और उसके आसपास के इलाकों में रह रहे सैकड़ों परिवारों के बीच खाद्यान्न सामाग्री का वितरण किया जा रहा है।…
के जी सुरेश सीईसी की शासी निकाय के सदस्य बने
भोपाल/ भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति और मीडिया विशेषज्ञ डॉ के जी सुरेश को कांर्सोटियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशंस (सीईसी) की शासी निकाय का सदस्य नामांकित किया गया है।…
नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार
पटना/ बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पूर्वमहासचिव और पटना से प्रकाशित राष्ट्रीय पत्र दैनिक हिंदुस्तान में लम्बे समय तक पत्रकार रहे श्री प्रेम कुमार ने आज दुनिया से विदा कह दिया। आईजीआईएमएस, पटना में आज उनका निधन हो गया। वे पिछले कई सप्ताह से बीमार चल रहे थे। …
दोनों खबरें साथ होती तो पता चलता
अभी भी लेक्चर देने का काम चल रहा है और काम नहीं हो रहा है
रवीश कुमार/ प्रधानमंत्री धीरे धीरे पहले पन्ने की पहली हेडलाइन बनने लगे हैं। धीरे धीरे इसी तरह फिर से सब सामान्य होगा। इस खबर में जो उन्…
विवाह पद्धति' के माध्यम से जमीन पर उतरा आजीवक चिंतन
अरूण आजीवक/ मनुष्य सामाजिक प्राणी है अर्थात मनुष्य का अपना एक समाज होता है। दरअसल मनुष्य मनुष्य ही इसी रूप में हुआ है कि उस ने समाज के रूप में रहना शुरू किया। समाज का आधार मनुष्य की एक-समान विचारधारा और जीवन-यापन का तरीका है। अलग-अलग विचारधारा और जीवन-यापन के तरीकों के आधार पर मनु…
सूचना की अधिकता से आमजन असमंजस में: डॉ सच्चिदानंद जोशी
जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 'मीडिया की बात आपके साथ' साप्ताहिक श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में वेबिनार का आयोजन…
रचना, सृजन और संघर्ष से बनी थी पटैरया की शख्सियत
प्रो. संजय द्विवेदी/ वे ही थे जो खिलखिलाकर मुक्त हंसी हंस सकते थे, खुद पर भी, दूसरों पर भी। भोपाल में उनका होना एक भरोसे और आश्वासन का होना था। ठेठ बुंदेलखंडी अंदाज उनसे कभी बिसराया नहीं गया। वे अपनी हनक, आवाज की ठसक, भरपूर दोस्ताने अंदाज और प्रेम को बांटकर राजपुत्रो…
वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटेरिया नहीं रहे
आईआईएमसी के महानिदेशक ने जताया दुख, कहा- ‘जनमुद्दों के लिए जूझते रहे पटेरिया’
नई दिल्ली/ इंदौर । वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और लेखक श्री शिवअनुराग…
डिजीटल ट्रांसफार्मेशन के लिए तैयार हों नए पत्रकार
नए समय में मीडिया शिक्षा की चुनौतियां
प्रो. संजय द्विवेदी/ एक समय था जब माना जाता है कि पत्रकार पैदा होते हैं और पत्रकारिता पढ़ा कर सिखाई नहीं जा सकती। अब वक्त बदल गया है। जनसंचार का क्षेत्र आज शिक्षा क…
चौथा खम्भा आजकल इसी तरह से झूल रहा
रामजी तिवारी । अखबार का पहला पन्ना बता रहा है कि कोरोना-समय में सरकार चुस्त दुरुस्त है. अस्पताल की व्यवस्था चाक-चौबंद है. आक्सीजन की कोई कमी नहीं. टेस्ट और वैक्सिनेशन जोर-शोर से चल रहा है. दवाएं और परीक्षण सब जनता के लिए सुलभ है. …
पत्रकारों के लिए होगा बड़े पैमाने पर टीकाकरण
चंडीगढ़/ हरियाणा सरकार ने कोरोना संकटकाल में राज्य में मीडियाकर्मियों द्वारा समर्पित रूप से दी जा रही सेवाओं को देखते हुए इन्हें कोरोना से बचाव के लिये बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।…
नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार भगवतीधर वाजपेयी
आईआईएमसी के महानिदेशक ने जताया दुख कहा- ‘राष्ट्रीय भावधारा को समर्पित था उनका जीवन
नई दिल्ली । वयोवृद्ध पत्रकार और राष्ट्रीय भावधारा के लेखक श्र…
मीडिया रिपोर्टिंग पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए: निर्वाचन आयोग
दिल्ली/ भारत निर्वाचन आयोग ने मीडिया से संबंधित अपनी स्थिति पर हाल के बयानों का संज्ञान लिया है। आयोग ने इस संबंध में कुछ निश्चित प्रेस रिपोंर्टों का भी संज्ञान लिया है। आयोग ने हमेशा कोई निर्णय लेने से पहले उचित विचार-विमर्श किया है। …
नवीनतम ---
- औरंगाबाद में पत्रकारिता का इतिहास
- विस्मयकारी है संजय द्विवेदी की सृजन सक्रियता: प्रो.चौबे
- पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का दस्तावेज है – ‘...लोगों का काम है कहना’
- 'मीडिया गुरु सम्मान' से अलंकृत हुए प्रो. द्विवेदी
- दो दिवसीय युवा उत्सव सम्पन्न
- सकारात्मक खबरों को बढ़ावा देने से ही समाज स्वस्थ और सुखी होगा: डॉ. मुरुगन
- हासा-भासा की लूट की राजनीति से प्रेरित है विमर्श का विषय
- राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान से अलंकृत किए जाएंगे प्रो.संजय द्विवेदी
- तीन श्रेष्ठ कवियों की पत्रकारिता का आकलन
- जलवायु परिवर्तन और जेंडर रिपोर्टिंग के लिए विशेष कौशल व ज्ञान की जरुरत
- व्यक्ति-केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करे मीडिया: उपराष्ट्रपति
- मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार
- 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति बोलेगा हिंदी: प्रो. द्विवेदी
- शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करना हम सबों की जवाबदेही: श्रवण कुमार
- हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा
- पत्रकारिता गहरे संकट में है
- दूसरा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध मीडिया सम्मेलन 11 को
- वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय नहीं रहे
वर्गवार--
- feature (35)
- General (179)
- twitter (1)
- whatsapp (3)
- अपील (8)
- अभियान (9)
- अख़बारों से (4)
- आयोजन (100)
- इंडिया टुडे (3)
- खबर (1645)
- जानकारी (5)
- टिप्पणी (1)
- टीवी (3)
- नई कलम (1)
- निंदा (4)
- पत्रकारिता : एक नज़र में (2)
- पत्रकारों की हो निम्नतम योग्यता ? (6)
- पत्रिका (44)
- पुस्तक समीक्षा (47)
- पुस्तिका (1)
- फेसबुक से (213)
- बहस (13)
- मई दिवस (2)
- मीडिया पुस्तक समीक्षा (21)
- मुद्दा (501)
- लोग (8)
- विरोधस्वरूप पुरस्कार वापसी (6)
- विविध खबरें (579)
- वेकेंसी (14)
- व्यंग्य (30)
- शिकायत (10)
- शिक्षा (10)
- श्रद्धांजलि (118)
- संगीत (1)
- संस्कृति (1)
- संस्मरण (31)
- सम्मान (17)
- साहित्य (101)
- सिनेमा (16)
- हिन्दी (5)
पुरालेख--
- October 2024 (3)
- September 2024 (16)
- August 2024 (8)
- July 2024 (9)
- June 2024 (9)
- May 2024 (13)
- April 2024 (11)
- March 2024 (12)
- February 2024 (11)
- January 2024 (7)
- December 2023 (7)
- November 2023 (5)
- October 2023 (16)
- September 2023 (14)
- August 2023 (11)
टिप्पणी--
-
Anurag yadavJanuary 11, 2024
-
सुरेश जगन्नाथ पाटीलSeptember 16, 2023
-
Dr kishre kumar singhAugust 20, 2023
-
Manjeet SinghJune 23, 2023
-
AnonymousJune 6, 2023
-
AnonymousApril 5, 2023
-
AnonymousMarch 20, 2023
सम्पादक
डॉ. लीना