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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts : "संस्मरण"

सब्जी बाज़ार में मिले दीनानाथ जी...और कहा - तरकारी में बज्जर पड़ा रे !

वरिष्ठ पत्रकार दीनानाथ मिश्र जी की मृत्यु, नवभारत टाइम्स, पटना संस्करण के प्रथम स्थानीय संपादक रहे थे वो 

नवेन्दु…

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हमने लोकजीवन के दुर्लभ रचनाकार को खो दिया है

विजयदान देथा का निधन एक बड़ा आघात 

कौशल किशोर / कथाक्रम के कार्यक्रम से लौटा ही था कि राजस्थानी भाषा के रचनाकार विजयदान देथा के निधन की खबर मिली। धक्का सा लगा। एक दुख से हम उबर भी नहीं पा रहे हैं कि  दूसरा दुख चोट करने को तैय…

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बसंत कुमार तिवारीः स्वाभिमानी जीवन की पाठशाला

संजय द्विवेदी/ छत्तीसगढ़ के जाने-माने पत्रकार और ‘देशबंधु’ के पूर्व संपादक बसंत कुमार तिवारी का न होना जो शून्य रच है उसे लंबे समय तक भरना कठिन है। वे एक ऐसे साधक पत्रकार रहे हैं, जिन्होंने निरंतर चलते हुए, लिखते हुए, धैर्य न खोते हुए,परिस्थितियों के आगे घुटने न टेकते हुए न…

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याद रहेगी केपी की बेपरकी !

मशहूर लेखक और व्यंग्यकार केपी सक्सेना की 79 साल की उम्र में आज मृत्यु हो गयी। वे एक साल से जीभ के कैंसर से जूझ रहे थे और दो बार उनकी सर्जरी भी हो चुकी थी। …

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एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय

मनोज कुमार / भारत वर्ष में जितने महापुरूषों ने जन्म लिया उनमें एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की गणना भारतीय महापुरूषों में इसलिये नहीं होती है कि वे किसी खास विचारधारा के थे बल्कि उन्होंने किसी विचारधारा या दलगत राजनीति से परे रहकर राष्ट्र को सर्वोपरि माना. राजन…

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आज पत्रकारों को गढ़ने वाला कोई नहीं

 स्मृतियों में खो गये थे पत्रकार हरिवंश

पटना में हर रविवार चलता है संस्मरण सुनने-सुनाने का सिलसिला

पटना/ बाढ़ की लहर से लेकर मीडि…

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ऐसे भी थे पत्रकार

मनोज कुमार साथियों, हिन्दी पत्रकारिता दिवस के इस महान अवसर को स्मरण करते हुये आप सभी प्रतिबद्ध साथियों को मेरा नमस्कार, बधाई. हिन्दी पत्रकारिता दिवस के ठीक दो दिन पहले मुझे एक अनुभव से गुजरने अवसर मिला. इस अनुभव को आपके साथ बांटने में मुझे आनंद का अनुभव होगा.…

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रमेश नीलकमल की याद में..

कवि, कथाकार, संपादक व प्रकाशक रमेश नीलकमल के असामयिक निधन पर एक संस्मरण..
अरविन्द श्रीवास्तव / कवि, कथाकार और 'शब्द कारखाना’ पत्रिका के सिद्ध संपादक रमे…

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कलम का सौदा करने वाला कभी लेखक नहीं हो सकता !

असगर अली इंजीनियर की स्मृति में अरविन्द श्रीवास्तव के दो शब्द
प्रगतिशील आन्दोलन से जुड़े लेखक व चिंतक असगर अली इंजीनियर के असामयिक निधन से बेगूसराय स्थित गोदरगावां का विप्लवी पुस्तकालय परिवार मर्मा…

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सम्पादक

डॉ. लीना