अप्रैल-जून 2015 अंक
कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का अप्रैल-जून 2015 अंक अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- कहानियाँ : इमेज (प्रज्ञा ), मोहभंग (वंदना देव शुक्ल ), शारदा (महेन्द्र दवेसर दीपक ), गॉड ब्लैस यू ... (डॉ. वंदना मुकेश ), रस्म-ए-इजरा (भूमिका द्विवेदी अश्क )। लघुकथाएँ : आख़िरी पड़ाव का सफर (सुकेश साहनी ), भीतर की आग (डॉ. सतीशराज पुष्करणा ), चेतना (मधुकान्त )। विश्व के आँचल से: एक थी माया (गरिमा श्रीवास्तव ), प्रवासी साहित्य की अवधारणा और स्त्री कथाकार (निर्मल रानी )। दृष्टिकोण: अमेरिका में बसे प्रवासी और उनकी काव्य साधना (मंजु मिश्रा )। गीत (रजनी मोरवाल )। कविताएँ: डॉ. कविता भट्ट , प्रिया राणा , प्रेम गुप्ता ‘मानी’, सुशीला शिवराण , अभिनव शुक्ल , सौरभ पाण्डेय , रेखा भाटिया, पारुल सिंह , सविता अग्रवाल ‘सवि’, नीलम मलकानिया । दोहे: अशोक अंजुम । ग़ज़लें: सुशील ठाकुर , रमेश तैलंग । हाइकु: डॉ. सुरेन्द्र वर्मा , डॉ. अर्पिता अग्रवाल , डॉ.गोपाल बाबू शर्मा। भाषांतर: ज़ेबा अल्वी। अविस्मरणीय: नज़ीर बनारसी। संस्मरण: सैली बलजीत। ओरियानी के नीचे: रेनू यादव। पुस्तक समीक्षा: देवी नागरानी , पूनम माटिया । पुस्तकें। साहित्यिक समाचार। विश्व पुस्तक मेले की झलकियाँ। साथ में सम्पांदकीय, साहित्यिक समाचार, चित्रमय झलकियाँ, विलोम चित्र, तथा आख़िरी पन्ना।
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