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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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वीरेंद्र यादव न्‍यूज अब साप्‍ताहिकी

3 जनवरी से 

‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ नये साल में प्रवेश नयी पहल के साथ कर रहा है। अब वीरेंद्र यादव न्‍यूज अपने नियमित मासिक प्रकाशन के साथ ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज साप्‍ताहिकी’ के रूप में पढ़ने को मिलेगा। इसका पहला अंक 3 जनवरी को अपलोड करेंगे। साप्‍‍ताहिकी ऑनलाइन होगी। इसका पीडीएफ फार्मेट आपको फेसबुक, वाट्सएप और मेल पर पढ़ने को मिलेगा।

पाठकों सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर सप्‍ताह में छह दिन शाम को लाइव सिटीज पढ़ने को मिलता है। यह रविवार को प्रकाशित नहीं होता है। इस गैप को हम ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज साप्‍ताहिकी’ से भरेंगे। इसे हम हर रविवार को अपलोड करेंगे। ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज साप्‍ताहिकी’ में मुख्‍यत: हम राजनीतिक और प्रशासनिक खबरों को फोकस करेंगे। अधिकांश खबरें हम विधानमंडल और सचिवालय के गलियारों से जेनरेट करेंगे। इसके साथ ही हमारी कोशिश होगी कि जिलों से भी प्रशासनिक खबरों को संकलित कर सकें।

जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले पांच वर्षों से हम न्‍यूनतम संसाधन से अधिकतम परिणाम देने की कोशिश करते आ रहे हैं। हम जनसरोकार से जुड़ी खास खबरों को अपने पाठकों तक पहुंचाते रहे हैं। इसमें हमारे पाठकों और शुभेच्‍छुओं का बड़ा योगदान रहा है। इसमें आर्थिक योगदान की बड़ी भूमिका रही है। हम अपने पाठकों और शुभेच्‍छुओं से उम्‍मीद करेंगे कि हमारी नयी पहल ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज साप्‍ताहिकी’ को अनुदान (कंट्रीब्‍यूशन) के साथ विज्ञापन देकर आर्थिक मदद करेंगे।

‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज साप्‍ताहिकी’ के रूप में हम एक शुरुआत कर रहे हैं। इसकी निरंतरता पाठकों के सहयोग पर निर्भर है। बाजारपक्षीय खबरों के दौर में जनपक्षीय खबरों को ताकत देने के लिए पाठकों को आगे अना चाहिए। खबरों के ‘गोबरबाजार’ में पढ़ने के लिए ‘गुड़’ चाहिए तो पाठकों को दान यानी चंदा भी देना चाहिए। मंदिर या मस्जिद की रौनक बनी रहे, यह जरूरी है। लेकिन विचारों की ताकत कम नहीं हो, यह उससे ज्‍यादा जरूरी है। यह पाठकों की संवेदनाशीलता, स्‍वाभिमान और सरोकार पर निर्भर करता है। उम्‍मीद है सहयोग बनाये रखेंगे। धन्‍यवाद।

किसी भी प्रकार के सहयोग देने के लिए 9199910924 पर संपर्क कर सकते हैं। 

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना