विनीत कुमार/ इन दिनों न्यूज एंकरों की पूरी कोशिश अपने दर्शकों के बीच यह ख़ुशफहमी पैदा करने की है कि चैनलों पर पत्रकारिता लौट आयी है. मेरी अपनी समझ है कि चैनलों से पत्रकारिता इतनी दूर चली गयी है कि कोई एंकर जाकर वापस लाने की भी कोशिश करें तो ख़ुद इस इन्डस्ट्री में न लौट पाएंगे. मी…
Blog posts : "फेसबुक से "
क्या तुम अपने भीतर से दिल और दिमाग़ दोनों निकालकर एक डब्बे के तौर पर न्यूजरूम में शामिल हो सकते हो ?
सिर्फ मास कॉम का कोर्स करके मीडियाकर्मी नहीं बन सकते
विनीत कुमार/ देश के प्रिय युवा/ टीनएजर्स !
यदि आप बारहवीं या स्नातक( ग्रेजुएशन) के बाद जर्न…
चैनलों ने समाज को इस लायक रहने भी दिया ?
किस भरोसे से लोग मदद के लिए सामने आएंगे
विनीत कुमार/ हालांकि है तो यह बेहद ही शर्मनाक बात कि बीच सड़क पर, दर्जनों लोगों के आते-जाते बीच गुरुग्राम में 23 साल का एक युवक महिला पर दनादन वार करता है, बेतहाशा चाकू चलाता …
हमारे न्यूज एंकर मीडियाकर्मियों की हिन्दी
विनीत कुमार/ न्यूज चैनल देखते हुए कभी आप इस सिरे से सोचते हैं कि जिस हिन्दी ने औसत दर्जे के मीडियाकर्मी को शोहरत, दौलत और ताक़त दी, उनकी उस हिन्दी को सुनते हुए हम अपने बच्चों को ऐसी ही भाषा सीखने की सलाह दे सकते हैं ? आपकी नज़र में हिन्दी न्यूज चैनल का कोई भी एक एंकर है जिनके बार…
जानवरों की तरह न्यूजरूम से हांके गए दर्जनों मीडियाकर्मी
विनीत कुमार/ एबीपी न्यूज के आउटपुट हेड जो कि पिछले बीस साल से (स्टार न्यूज के दौर से ) चैनल को अपनी सेवाएं देते आए, उन्हें धकियाते हुए परिसर से बाहर किया गया. उनकी किताबें और बाक़ी चीज़ों को उनके साथ भेज दिया गया जिससे कि वो दोबारा किसी भी बहाने यहां आ न सकें. उन्हें अपने सहयोगिय…
नामचीन के इंटरव्यू महज हैसियत जताने के माध्यम
अब इस विधा में कुछ बचा नहीं है.
विनीत कुमार/ चूंकि मुझे इतनी बात मालूम है कि किसी चैनल या डिजिटल प्लेटफॉर्म को किसी नामचीन चेहरे को इंटरव्यू के लिए तैयार करने में कितनी मशक्क़त करनी पड़ती है तो उसके पीछे का गुणा-गणित भी समझ आता है.…
कुछ ही जातियों का वर्चस्व बड़े मीडिया समूहों में भी
उर्मिलेश/ अपने यहाँ के मीडिया-समूहों(बड़े अख़बारों और टीवी चैनलों में) में जाति और जातिवाद की बात चलती है तो अमूमन लोग कहते हैं, छोड़िये न जातिवाद कहाँ नहीं है, अपने समाज के हर क्षेत्र में है! लेकिन तुलनात्मक स्तर पर देखें तो जातिवाद का बड़ा ही हैरतंगेज़ चेहरा दिखाई देता है. सबसे अधि…
लाशों का ढेर और शो में पूरे जोश के साथ स्वागत
अविनाश कुमार सिंह/ बालासोर रेल हादसा। २८८ लोगों की मौत। एक हजार से ज्यादा घायल। चीत्कार। चीख पुकार। बिलखते लोग। तबाही का मंजर। खौफनाक डरावनी तस्वीरें। हर तरफ खून के धब्बे। खून से सनी लाशें। जो अभी जिंदा थे, अभी अभी मर गए। पल पल दम तोड़ते लोग। हमने 'गदर' देखी। मुसाफिर जो…
67 की उम्र में हथकड़ी का 'पुरस्कार'
एक सवाल
डॉ. अशोक प्रियदर्शी / कहानी मुफलिसी पत्रकार की है। नाम है रविंद्र नाथ भईया। रहने वाले हैं बिहार के नवादा जिले के खनवां गांव के। उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं। 67 साल उम्र हो गई है। ना कोई गाड़ी है। नहीं कोई बंगला। साल में दो जोड़ी चप्पल और दो जोड़…
महज ‘गोदी मीडिया’ तक सीमित नहीं ये
उर्मिलेश/ इसीलिए मैं टीवी चैनलों को ‘गोदी मीडिया’ तक नहीं सीमित रखता. यह एक ख़ास क़िस्म का मीडियापुरम् है! इसमें टीवी चैनलों की दुनिया तो और भी ‘हिन्दू अपर कास्ट अफ़ेयर’ है! (अगर किसी को मेरी बात पर संशय हो तो वह टीवीपुरम् में काम करने वाले, ख़ासकर इसके निर्णयकारी पदों पर आसीन लोगों …
प्रेस फ्रीडम के मामले में भारत और गिरा
उर्मिलेश/ वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी हो गया. इस बार भारत 180 देशों की सूची में 161 वें स्थान पर पहुंच गया. 2022 के सूचकांक में हम 150 वें स्थान पर थे. यानी भारत 11 अंक नीचे गिरा है. भारत से हमेशा नीचे रहने वाला पाकिस्तान भी इस बार ऊपर हो गया. उसे 150 वें स्थान पर रखा गया है. म्…
अब कई बडी खबरें, कुछ लोगों के दिमाग से निकलती हैं
उर्मिलेश/ तो बात समझ में आ गई न! अपने 'धारा-प्रवाह कवरेज' से टीवीपुरम ने इसमें कोई संदेह नहीं छोड़ा है! साबित हो चुका कि अब भारत नामक विशाल देश के पास कोई और बड़ी खबर नहीं है. खबर सिर्फ अमृतपाल है.…
ये है हमारी हिन्दी पत्रकारिता का स्तर
पितृसत्तात्मक जकड़बंदी से बाहर नहीं निकल पाया हिन्दी अख़बार
विनीत कुमार/ प्रो. कुमुद शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में सालों से पढ़ा रही हैं. पत्रकारिता के छात्रों के बीच वो बेहद…
यूट्यूबर जब खुद को पत्रकार समझने लगे तो वो खबर बताते नहीं,बनाने लगते हैं...
अविनाश कुमार / तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कथित हिंसा की जांच करने गई बिहार सरकार की टीम ने मुख्यमंत्री को दिए अपने रिपोर्ट में कहा कि मामले से संबंधित सोशल मिडिया पर सांझा किए गए सभी वीडियो फर्जी पाए गए हैं। फर्जी पाए गए विडियो और मैसेज के कारण मजदूरों में तनाव और डर फैला। …
नित नई मूर्खता का प्रर्दशन मीडिया के लिए रोज की बात
गिरीश मालवीय/ दुनिया का मीडिया बता रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के चैट GPT और गूगल के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर रेस चल रही है भारत का मीडिया बता रहा है कि पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बीच पर्चा लिख कर श्रद्धालुओ के भविष्य भूतकाल बांचने की होड़ चल रही…
आपका भरम कि आप सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे, हकीकत-आपका इस्तेमाल हो रहा
द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है
गिरीश मालवीय/ द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है। कल गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इ…
पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता के 7 साल
हमने हर खबर में अपना पक्ष रखा है
वीरेंद्र यादव न्यूज। दिसंबर, 2015 में अपनी यात्रा शुरू की थी। सब कुछ अनिश्चित। पड़ाव न मंजिल। चलते-चलते सात वर्षों की यात्रा पूरी हो गयी। निरंतर और निर्बाध यात्रा। रास्ते में…
उर्दू मीडिया के दो सौ वर्ष पूरे
उर्मिलेश/ अतीत, वर्तमान और भविष्य. निश्चय ही यह उर्दू पत्रकारिता के संदर्भ में महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर गंभीर चर्चा और विचार जारी रहना चाहिए. सिर्फ इसलिए नहीं कि उर्दू पत्रकारिता के दो सौ वर्ष पूरे हो गये, इसलिए भी कि आज उर्दू पत्रकारिता बल्कि यूं कहें उर्दू भाषा के समक्ष भी बड़ी च…
जी हां ये हैं हमारे न्यूज चैनल
प्रेमेंद्र । चीते कैसे सुबह जागे .. मोर ने उन्हें जगाया, चूंकि इतवार था यानी छुट्टी का दिन तो चीतों ने मस्ती में इतवार गुजारा। सोमवार होता तो ड्यूटी पर जाते। काम की भागदौड़ होती। हां उन्होंने लंच में भैंसे का मांस खाया था। खाने के बाद उन्होंने डकार भी ली थी जो 3 सेकेंड लम्बी थी…
अब रिपोर्टर की होती है प्रेस कॉन्फ्रेंस
विनीत कुमार। एक ही मीडिया संस्थान ने अलग-अलग नाम से इतनी दूकान खोल ली है और उसमें एक ही रिपोर्टर के उपर माल भरने की जिम्मेदारी आ गयी है कि आप यदि रिपोर्टर और उसके मीडिया संस्थान की दूकान में बैठे मीडियाकर्मियों की बात पर ग़ौर करें तो पाएंगे फील्ड में गए रिपोर्टर पर महज रिपोर्ट …
नवीनतम ---
- डब्ल्यूजेएआई सदस्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे आयोजित
- डब्ल्यूजेएआई को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की तैयारी
- कुंभवाणी चैनल का आरंभ
- मैं मीडिया हूँ
- फ्रीलांसर के हकों की चर्चा कब और किस तरह होगी
- नीरजा माधव को राष्ट्रीय मैथिली शरण गुप्त सम्मान
- मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर पैदल मौन पदयात्रा
- पत्रकारों के शासन पर दबाव का असर
- दीपक अध्यक्ष, रजनीश रंजन और महफूज आलम बने उपाध्यक्ष
- आकाशवाणी कोकराझार में एफएम ट्रांसमीटर का उद्घाटन
- प्रदेश और जिला कमिटी आर्थिक स्तर पर किये जायेंगे सशक्त
- मीठा मीठा मीडिया, कुनैन है पत्रकारिता
- संवाद से संकटों के हल खोजना भारत की विशेषता: प्रो.संजय द्विवेदी
- सतरुद्र प्रकरण-भाग II
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए फर्जी खबरों से निपटने के लिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान
- ‘मीडिया की नैतिकता, जवाबदेही और स्व-मूल्यांकन’ पर मंथन
- मीडिया कार्यशाला में विकसित भारत @2047 और वेव्स पर चर्चा
- पत्रकारिता के अजातशत्रु हैं अच्युतानंद मिश्र
वर्गवार--
- feature (36)
- General (179)
- twitter (1)
- whatsapp (3)
- अपील (8)
- अभियान (9)
- अख़बारों से (4)
- आयोजन (101)
- इंडिया टुडे (3)
- खबर (1660)
- जानकारी (5)
- टिप्पणी (1)
- टीवी (3)
- नई कलम (1)
- निंदा (4)
- पत्रकारिता : एक नज़र में (2)
- पत्रकारों की हो निम्नतम योग्यता ? (6)
- पत्रिका (44)
- पुस्तक समीक्षा (47)
- पुस्तिका (1)
- फेसबुक से (216)
- बहस (14)
- मई दिवस (2)
- मीडिया पुस्तक समीक्षा (21)
- मुद्दा (502)
- लोग (8)
- विरोधस्वरूप पुरस्कार वापसी (6)
- विविध खबरें (583)
- वेकेंसी (14)
- व्यंग्य (31)
- शिकायत (12)
- शिक्षा (10)
- श्रद्धांजलि (118)
- संगीत (1)
- संस्कृति (1)
- संस्मरण (31)
- सम्मान (17)
- साहित्य (101)
- सिनेमा (16)
- हिन्दी (5)
पुरालेख--
- January 2025 (10)
- December 2024 (10)
- November 2024 (5)
- October 2024 (7)
- September 2024 (16)
- August 2024 (8)
- July 2024 (9)
- June 2024 (9)
- May 2024 (13)
- April 2024 (11)
- March 2024 (12)
- February 2024 (11)
- January 2024 (7)
- December 2023 (7)
- November 2023 (5)
टिप्पणी--
-
रवि अहिरवारJanuary 6, 2025
-
पंकज चौधरीDecember 17, 2024
-
Anurag yadavJanuary 11, 2024
-
सुरेश जगन्नाथ पाटीलSeptember 16, 2023
-
Dr kishre kumar singhAugust 20, 2023
-
Manjeet SinghJune 23, 2023
-
AnonymousJune 6, 2023
सम्पादक
डॉ. लीना