उदय प्रकाश / दोस्तो, क्या आप रजत शर्मा जी के चैनल इंडिया टीवी को इस समय देख रहे हैं ? इसके 21 वीं वर्षगाँठ पर आयोजित विशेष एपिसोड में।
ऐसा कोई महत्वपूर्ण शिखर व्यक्तित्व नहीं है, जिसकी कल्पना आप कर सकें, जो वहाँ उपस्थित न हो।
प्रधानमंत्री से ले कर मनोरंजन उद्योग और कार्पोरेट जगत और बाबा संत इत्यादि।
उत्सव का माहौल है।
मैं भी बहुत ख़ुश हूँ कि एक हिंदी चैनल ने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की कि अपने कार्यक्रम 'आपकी अदालत' के 25 साल पूरा होने पर ही होने वाले पारंपरिक 'रजत जयंती' के रिवाज का भी ख़्याल नहीं रखा।
लेकिन दोस्तो, हम सब बहुत मामूली प्रजागण हैं। गणमान्य हम में से कोई नहीं। बस मेरा एक प्रश्न है, जिसका उत्तर मैं चाहता हूँ। वह यह है : हमारे देश के जो सबसे पहले प्रथम नागरिक हैं, हमारे संविधान के प्रहरी और हमारी जल- थल-वायु सेना के सर्वोच्च सेनापति, हम सब साधारण, मामूली, आम प्रजा के पिता - अभिभावक , उन्हीं हमारे राष्ट्रपति ने रजत शर्मा जी के बारे में कहा (अंग्रेज़ी में) कि इस देश के एक अरब पच्चीस करोड़ लोगों ने आपको अपना ' पब्लिक प्रोसिक्यूटर' नियुक्त किया है, भले ही आपके पास क़ानून की कोई डिग्री या कोई लाइसेंस न हो !'
क्या हम सबने ऐसा कर दिया है?
1 अरब 25 करोड़ में से फ़िलहाल मैं अपनी एक संख्या घटाना चाहता हूँ।
मैं सिर्फ़ दुखी हूँ।
और बहुत डरा हुआ चिंतित।
उदय प्रकाश जी के फेसबुक वाल पर कल रात की पोस्ट
https://www.facebook.com/udayprakash2009?fref=nf