कमर वाहिद नकवी / एस. पी. सिंह की बरसी पर मीडियाख़बर.काम द्वारा आयोजित सेमिनार में जाना हुआ.मीडिया की मौजूदा दयनीय स्थिति और पत्रकारीय मूल्यों के 'घोर पतन' पर गरमागरम बहस हुई. सम्पादकों को इस पतन के लिए ख़ूब लतियाया गया. इसके बादकुछ लोगों को उनके संघर्ष/ योगदान के लिए 'सम्मानित' भी किया गया.
सेमिनार की समाप्ति के बाद संयोग से मेरी बातचीत उनमें से एक सज्जन से हुई, जिन्हें 'सम्मानित' किया गया था. वह किसी शीघ्र लाँच हो रहे चैनल मेंवाइस-प्रेसीडेंट बने हैं. पूछने पर पता चला कि उनके चैनल के मालिक का नामसुधाकर शेट्टी है.
आपकी याद्दाश्त को ताज़ा कर दें कि सुधाकर शेट्टीकिसी ज़माने में मुम्बई का कुख्यात दीपा बार चलाता था, जिसकी करोड़पति बारबाला तरन्नुम के उन दिनों बड़े चर्चे हुआ करते थे और वह क्रिकेट सट्टेबाज़ीके मामले में गिरफ़्तार भी हुई थी. सट्टेबाज़ी के इस मामले के अलावामुम्बई के अंडरवर्ल्ड समेत कई संदिग्ध कारनामों में सुधाकर शेट्टी का नामआता रहा है.
भाई, मीडिया के नैतिक पतन पर आँसू भी बहाओगे और ऐसे संदिग्ध नामवाले व्यक्तियों से जुड़ेलोगों का सम्मान भी करोगे? दीपा बार के पूर्व संचालक के न्यूज़ चैनल सेआपको किन नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की उम्मीद है?
पता नहीं क्या मजबूरी थी, लेकिन नैतिकता की दुहाई देनेवालों के इस दोहरेपन से बहुत हैरान हूँ !