नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज कहा कि उनके मंत्रालय ने देश में टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिये दिशा निर्देश के रूप में एक व्यापक नियामक फ्रेमवर्क के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। श्री तिवारी ने नई दिल्ली में टेरिस्टेरियल एवं सेटेलाइट प्रसारण पर 20 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं तीन दिवसीय प्रर्दशनी का उद्घाटन करते हुये कहा कि हाल में स्वीकृत टी आर पी से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों से ज्यादा पारदर्शिता आयेगी। श्री तिवारी ने कहा कि पिछले दो दशकों के दौरान प्रसारण एवं दूरसंचार क्षेत्रों में जबर्दस्त विकास हुआ है और यही कारण है कि आज देश में 800 से अधिक चैनल हो गये हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि एफ एम रेडियो की पहुंच बढ़ाने के लिए इसकी क्षमता बढ़ाना जरूरी है। उन्होने कहा कि उनका मंत्रालय सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रहा है क्योंकि सामुदायिक रेडियो स्थानीय रूप से, विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सूचना के एकमात्र माध्यम हैं।
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण सचिव बिमल जुल्का ने कहा कि डिजिटीकरण से मध्यम, छोटे और लघु उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि इसके अगले चरणों के लिए 14करोड़ सेट टॉप बॉक्स की जरूरत पड़ेगी।
इस अवसर पर प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार ने देश के हर आकाशवाणी केन्द्र में एफ एम टावर लगाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि टैरेस्ट्रियल प्रसारण का डिजिटीकरण जरूरी है क्योंकि यह कम खर्चीला और सरल है।
इस सम्मेलन में भारत तथा अन्य देशो के प्रसारण एवं मीडिया के 300 से अधिक विशेषज्ञ एवं प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।