नयी दिल्ली । ‘जनसत्ता’ के संपादक एवं लेखक ओम थानवी को वर्ष 2014 का 24वां बिहारी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। के.के. बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक सुरेश ऋतुपर्ण ने थानवी को उनकी यात्रा वृत्तांतपरक चर्चित पुस्तक ‘मुअनजोदड़ो’ के लिए यह पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2011 में हुआ था। थानवी को पुरस्कार के रूप में 1 लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा। इससे पूर्व उन्हें शमशेर सम्मान, सार्क सम्मान, केंद्रीय हिंदी संस्थान सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। वह निरंतर लेखनरत रहते हुए वर्तमान में साहित्य, समाज, राजनीति, शिक्षा, पत्रकारिता आदि विषयों पर त्वरित टिप्पणियों के लिए हिंदी क्षेत्र में सुप्रसिद्ध हैं
केके बिरला फाउंडेशन द्वारा स्थापित बिहारी पुरस्कार राजस्थान के हिन्दी या राजस्थानी भाषा के लेखकों को प्रदान किया जाता है। पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित राजस्थानी लेखकों की कृतियों में से विजेता का चयन किया जाता है। वर्ष 1991 में स्थापित पहला बिहारी पुरस्कार डॉ. जयसिंह नीरज को उनके काव्य संकलन ‘ढाणी का आदमी’ के लिए दिया गया था। ओम थानवी की एक अन्य चर्चित कृति है- 'अपने अपने अज्ञेय'।
ओम थानवी का जन्म 1 अगस्त 1957 को फलोदी, जोधपुर (राजस्थान) में हुआ था। वह नौ वर्षों (1980 से 1989) तक 'राजस्थान पत्रिका' में रहे। इसके बाद चंडीगढ़, फिर दिल्ली में संपादक बने। उन्होंने हिंदी की साहित्यिक तथा सांस्कृतिक इतवारी पत्रिका का भी सम्पादन किया है। ओम थानवी की साहित्य, कला, सिनेमा, पर्यावरण, पुरातत्त्व, स्थापत्य और यात्राओं में गहन रुचि है।