नई दिल्ली। 31 जनवरी 1920, ये वो तारीख है जब एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। इस दिन डॉ. अम्बेडकर ने मराठी भाषा में 'मूकनायक' नाम से पाक्षिक शुरू किया था। इसके सौ साल पूरा होने पर देश की राजधानी दिल्ली में एक भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन दिल्ली में 15 जनपथ स्थित डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में होगा। इसका आयोजन 'दलित दस्तक' द्वारा किया जा रहा है। दलित दस्तक मासिक पत्रिका है जो डॉ. अम्बेडकर की पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए जून 2012 से प्रकाशित हो रही है। पत्रिका के संपादक अशोक दास हैं, जो भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के पूर्व छात्र हैं। 2006 में पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी करने के बाद से उन्होंने 7 सालों तक मुख्यधारा की पत्रकारिता में काम किया फिर अम्बेडकरी आंदोलन से जुड़ते हुए 'दलित दस्तक' का प्रकाशन-संपादन शुरू किया। वो दलित दस्तक के नाम से ही एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं।
इस कार्यक्रम के बारे में उनका कहना है "बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के जीवन के कई पहलू हैं। उन्होंने संविधान निर्माण के साथ-साथ महिलाओं और श्रमिकों के जीवन की बेहतरी के लिये काफी काम किया। वो एक सक्षम अर्थशास्त्री भी थे। इसी तरह वो एक पत्रकार भी थे। उन्होंने अपने जीवन में चार समाचार पत्र प्रकाशित किया। उस दौर में जब दलितों को तमाम अधिकार से वंचित रखा गया था, यह एक महत्वपूर्ण काम था। उनके द्वारा प्रकाशित पहले पत्र मूकनायक के 100 वर्ष पूरा होने पर हम उन्हें पत्रकार के रूप में श्रंद्धाजलि देना चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि बाबासाहेब को एक पत्रकार के रूप में भी याद किया जाए।"
इस कार्यक्रम में देश भर से बहुजन पत्रकारिता करने वाले संपादक शामिल होंगे। कार्यक्रम में अम्बेडकरी विचारधारा की पत्रकारिता करने वाले 50 से 60 संपादक शामिल होंगे। कार्यक्रम में देश भर से लोग शामिल होंगे।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में बुद्धिजीवी और चिंतक प्रो. विवेक कुमार (विभागाध्यक्ष, सोशल साइंस, जेएनयू), वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, दिलीप मंडल, मोहनदास नैमिशराय, श्योराज सिंह बेचैन (दिल्ली विश्वविद्यालय, हिंदी) और पत्रकार आरफा खानम शेरवानी शामिल होंगी। अध्यक्षता शांति स्वरूप बौद्ध करेंगे। कार्यक्रम के एंकर राष्ट्रीय कवि मुकेश गौतम और दलित दस्तक की संपादकीय सदस्य और लेखिका पूजा राय होंगे। इनके अलावा कार्यक्रम में बहुजन समाज के तमाम बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे।