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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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बढ़ा प्रसारण क्षेत्र, नई संचार-प्रिंट नीति का भी आगाज

फिल्म सहायता कार्यालय खोलने की भी मंजूरी

नयी दिल्ली/ इस साल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना एवं संचार नीति बनाने और नयी प्रिंट मीडिया नीति की घोषणा करने के साथ ही मौजूदा टेलीविजन चैनलों की वार्षिक लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाया। साथ ही प्रसारण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए भी चैनलों को लाइसेंस दिए गए। सरकार ने केबल टेलीविजन डिजिटीकरण का काम भी शुरू किया हुआ है, जिससे पूरा देश डिजटीकरण प्रणाली के अंतर्गत आ जाएगा।

सूचना क्षेत्र में डीएवीपी के लिए नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति की घोषणा की गयी, जिसका उद्देश्‍य प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापन जारी करने में पारदर्शिता और उत्‍तरदायित्‍व को बढ़ाना और छद्म/अनियमित समाचार पत्रों को समाप्‍त करना है। इस नीति में नयी मार्केंटिंग प्रणाली तथा डीएवीपी के पैनल में समाचार पत्रों/पत्रिकाओं को शामिल करने के लिए प्रसार जांच प्रक्रिया प्रारंभ की गई। 

प्रकाशन प्रभाग के लिए नयी व्‍यावसायिक नीति की घोषणा की गयी, जिसमें मुद्रित संस्‍करण के 75 प्रतिशत मूल्‍य पर प्रकाशन के डिजिटल संस्‍करण का मूल्‍य निर्धारित कर ऑनलाइन पाठक संख्‍या बढ़ाने को प्रोत्‍साहित किया जाएगा। चालू अकादमिक सत्र यानी 2016-17 से उर्दू पत्रकारिता में डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम का दर्जा बढ़ाकर नौ महीने की अवधि का उर्दू पत्रकारिता पीजी डिप्‍लोमा किया गया।

सरकारी विज्ञापन में विषय-वस्‍तु के नियमन से संबंधित विषयों पर विचार करने के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों के अनुसार तीन सदस्‍यीय समिति बनाई गई। समिति के अध्‍यक्ष पूर्व मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त बी.बी. टंडन हैं। 

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जून 2014 से इस साल दिसम्बर तक कुल 170 चैनलों को लाइसेंस दिए गए, जिनमें 25 लाइसेंस समाचार चैनलों और 145 लाइसेंस गैर समाचार चैनलों शामिल रहे।

इसके अलावा पूरे देश में एफएम रेडियो का विस्तार करने के लिए उसके तीसरे चरण के पहले और दूसरे बैच की नीलामी की गयी। 92 शहरों में 266 चैनलों के लिए दूसरे बैच की नीलामी हाल में ही की गयी। 

सरकार ने केबल टेलीविजन डिजिटीकरण का काम भी शुरू किया हुआ है, जिससे पूरा देश डिजटीकरण प्रणाली के अंतर्गत आ जाएगा। इसके चौथे चरण पर अमल को पूरा करने की अंतिम तिथि इस साल 31 दिसम्बर तक थी, जिसे मंत्रालय ने अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है।

देश में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों में सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए सब्सिडी पचास से बढ़ाकर 90 प्रतिशत और अन्य राज्यों के लिए 75 प्रतिशत कर दी। इस वृद्धि की अधिकतम सीमा सात लाख पचास हजार रुपये रहेगी।

आकाशवाणी ने बंगलादेश और बंगाली समुदाय के लिए आकाशवाणी मैत्री नाम से एक विशेष सेवा की शुरुआत की। उसने लोगों के बीच सम्पर्क बढ़ाने के लिए एक मीडिया वेबसाइट तथा मोबाइल एप लांच किया।

हर रोज पांच मिनट का विशेष स्‍वच्‍छता बुलेटिन भी शुरू किया गया, जिसमें महत्‍वपूर्ण समाचार और स्‍वच्‍छ भारत अभियान से जुड़े लोगों की पहल और कहानियों को शामिल किया जाता है और स्‍वच्‍छता के तौर-तरीके भी बताए जाते हैं।

मंत्रालय ने देश में फिल्में बनाने के लिए विदेशी निर्माता-निर्देशकों को आकर्षित करने के लिए फिल्मों की शूटिंग में सहायता के लिए फिल्म सहायता कार्यालय खोलने की मंजूरी दी। स्‍वच्‍छ भारत लघु फिल्‍म समारोह में स्‍वच्‍छ भारत मिशन विषय पर विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में पूरे देश से 4,000 से अधिक प्रविष्‍टियां प्राप्‍त हुई, जिनमें चयनित शीर्ष 20 फिल्‍मों को सम्‍मानित किया गया। फिल्‍म क्षेत्र में सहयोग की संभावना को प्रोत्‍साहित करने के लिए देश विशेष फिल्‍म समारोह का आयोजन किया गया और इसके तहत ईरानी फिल्‍म समारोह में ईरान के जाने-माने तथा पुरस्‍कार विजेता फिल्‍म निर्माताओं की 14 फिल्‍में दिखाई गई। 

दिल्‍ली में पहली बार ब्रिक्‍स फिल्‍म समारोह का आयोजन किया गया और घरेलू नीति के मोर्चे पर स्‍वच्‍छ भारत, लघु फिल्‍म समारोह, बाल फिल्‍म समारोह और ‘आजादी 70 साल- याद करो कुर्बानी’ विषय पर देश भक्‍ति फिल्‍म समारोह का आयोजन किया। सिनेमाटोग्राफी अधिनियम/नियमों के प्रावधानों की समग्र व्‍याख्‍या के लिए गठित श्‍याम बेनेगल समिति ने अपनी सिफारिशें मंत्रालय को सौंपी। इन सिफारिशों से समग्र ढांचा प्राप्‍त हो सकेगा।  

मंत्रालय ने भारत को फिल्‍म निर्माण स्‍थल के रूप में प्रोत्‍साहित करने के लिए सर्वाधिक फिल्‍म अनुकूल राज्‍य पुरस्‍कार में एक लाख रूपये की नकद राशि देने की घोषणा की । राष्‍ट्रीय फिल्‍म विरासत मिशन के तहत राष्‍ट्रीय फिल्‍म अभिलेखागार के माध्‍यम से फिल्‍मों और फिल्‍म सामग्रियों की बहाली, डिजिटीकरण और अभिलेख तैयार करने की नयी योजना बनायी गयी है। भारत के राष्‍ट्रीय फिल्‍म अभिलेखागार ने भारतीय मूक फिल्‍म बिल्‍वमंगल (1919) की 20.43 मिनट की सामग्री प्राप्‍त की। 

मंत्रालय ने एक राष्‍ट्र और सहकारी संघवाद के विजन को प्रोत्‍साहित करने के लिए दिसंबर में राज्‍यों के सूचना मंत्रियों के दो दिन के सम्‍मेलन (सिमकॉन) का आयोजन किया। सम्मेलन का विषय रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म : ए न्‍यू डायमेंशन ऑफ कम्‍युनिकेशन था। 

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना