उमगा पब्लिकेशन द्बारा प्रकाशित पुस्तक में देव व सूर्य पूजा से जुड़ी ऐतिहासिक पहलुओं पर चर्चा, मौके पर जिला के कई पत्रकारों को भी किया गया सम्मानित
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव के अति प्राचीन सूर्य मंदिर की गरिमा, महिमा तथा महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पत्रकार कमल किशोर द्वारा लिखित पुस्तक देव और सूर्य पूजा का विमोचन चित्रगुप्त सभागार सह लोकनायक जयप्रकाश नारायण सांस्कृतिक सभागार में शनिवार को किया गया। उमगा पब्लिकेशन द्बारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन सांसद सुशील कुमार सिह, विधान पार्षद प्रो रणवीर नंदन, डीएम राहुल रंजन महिवाल, लेखक कमल किशोर, पत्रकार व लेखक प्रेमेन्द्र मिश्रा, जदयू नेता विश्वनाथ सिह, डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, डॉ बीके सिह द्बारा किया गया।
मौके पर सांसद ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से औरंगाबाद की ख्याति लेखन के क्षेत्र में भी बढ़ेगी। साथ ही यह पुस्तक देव और सूर्य पूजा के बारे में देश और विदेश के लोगों का ज्ञानवर्द्धन करेगा। देव और सूर्य पूजा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। सूर्य पूजा की कल्पना देव के बिना अधूरी है और देव भी छठ पूजा के बिना अधूरा है। उन्होंने कहा कि देव और छठ पूजा की महत्ता देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है और इसे लोकप्रिय बनाने में यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगा।
विधान पार्षद रणवीर नंदन ने कहा कि वे बचपन से ही अपने नाना से देव और छठ पूजा की महत्ता को सुनते आ रहे हैं। वे भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य की पूजा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है और इसीलिए दुनिया में अगर किसी एक भगवान की सबसे अधिक पूजा होती है तो वे हैं भगवान सूर्य। उन्होंने कहा कि चित्रांश परिवार के लोग समाज को आगे बढ़ाने के लिये शिक्षा का दान दें। एक व्यक्ति गरीब के दस बच्चों को शिक्षित करने का संकल्प ले।
पुस्तक के लेखक कमल किशोर ने बताया कि इस पुस्तक में देव और सूर्य पूजा से जुड़ी सभी ऐतिहासिक पहलुओं पर चर्चा की गई है। देव और सूर्य पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। यह काफी ज्ञानवर्द्धक पुस्तक है। पुस्तक में देव सूर्य मंदिर और सूर्य पूजा संबंधित विविध आयामों को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
इस अवसर पर जिले के पांच वरिष्ठ तथा नवोदित साहित्यकारों मिथलेश मधुकर को कामता प्रसाद सिह काम सम्मान, डॉ सुरेंद्र मिश्र को शंकर दयाल सिह सम्मान, उपेंद्र कश्यप को प्रो. तारकेश्वर प्रसाद सिह सम्मान, प्रभात बांधुल्य को राधाकृष्ण सम्मान तथा धनंजय जयपुरी को रामाधार दूबे सम्मान प्रदान किया गया।