Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

तथ्यों के समावेश से ही प्रामाणिक बनते हैं समाचार: प्रधानमंत्री

पत्रिका तुगलक का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम

चेन्नई/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि तथ्यों के समावेश से ही समाचार प्रामाणिक बनते हैं। उन्होंने समाचार माध्यमों से जनता के समक्ष विवेकपूर्ण और तार्किक ढंग से समाचार प्रस्तुत करने की अपील की। मंगलवार रात यहाँ तमिल की राजनीतिक और व्यंग्य पत्रिका तुगलक के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को दिल्ली से संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने में मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेज गति से प्रगति कर रहा है। ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

इस मौके पर उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चेन्नई में पत्रिका के कर्मियों को पुरस्कृत करते हुए कहा कि समाचार माध्यमों को पत्रकारिता में नैतिकता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रश्न उठाते समय भी सकारात्मक रहने से लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना