Menu

 à¤®à¥€à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‹à¤°à¤šà¤¾

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

डॉ अंजनी की रिसर्च परियोजना को आईसीएसएसआर की स्वीकृति

एमजीसीयू के मीडिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं डॉ अंजनी कुमार झा, रिसर्च का विषय संथाल जनजाति के उन्नयन में मीडिया की भूमिका से सबंधित

मोतिहारी। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) के मीडिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंजनी कुमार झा द्वारा प्रस्तावित शोध परियोजना को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में स्वीकृति प्रदान की है।  उनकी शोध परियोजना " ब्रिजिंग एंड पॉलिसी: स्टडी टू अंडरस्टैंडिंग द रोल ऑफ़ मीडिया इन एडवांसिंग गवर्मेंट इनिशिएटिव टू एम्पॉवर संथाल ट्राइब ऑफ़ ईस्टर्न स्टेट्स (स्पेशल रेफरेंस टू बिहार, झारखण्ड, वेस्ट बंगाल एंड ओड़िशा)" शीर्षक से स्वीकृत हुई है, जो संथाल जनजाति के उन्नयन में मीडिया की भूमिका के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।

इस शोध परियोजना के लिए कुल सोलह लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। परियोजना की स्वीकृत अवधि 24 महीने है। परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अंजनी कुमार झा और को-प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अमरेंद्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, राँची, झारखंड होंगे।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अंजनी कुमार झा के पास 22 वर्षों का शिक्षण

अनुभव है और विभिन्न संगठनों के साथ मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष, सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। पूर्व में डॉ. झा विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (वी.आई.पी.एस), जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय, दिल्ली, एन.आई.एम.एस विश्वविद्यालय, राजस्थान,जयपुर, टेक्निया इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से संबद्ध रहे। नवभारत टाइम्स, स्वदेश, दैनिक भास्कर सहित विभिन्न संगठनों में उप-संपादक, मुख्य कार्यकारी संपादक और अन्य पदों के रूप में काम करने का व्यावसायिक अनुभव है। डॉ झा माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.) से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पीएचडी उपाधि प्राप्त है। डॉ झा की विशेषज्ञता प्रिंट मीडिया और विकास संचार में है। आप द्वारा लिखित 30 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित पीयर रिवीयू शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। साथ ही 60  राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध पत्र प्रस्तुत किए है। डॉ. झा द्वारा लिखित अब तक 23 पुस्तकें प्रकाशित है। विभिन्न अवसरों पर आपको 5 राष्ट्रीय स्तर की फेलोशिप और प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आपने विभिन्न संस्थानों से छः संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) पूर्ण किए है। भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विशेषज्ञ, परीक्षक और मूल्यांकनकर्ता के रूप में आपका अनुभव है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड के सदस्य, विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों में वक्ता और अनेकों पुस्तक में अध्याय लेखन का कार्य है। देश के प्रतिष्ठित समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर 1000 से अधिक समाचार लेख लिखे और प्रकाशित हुए। प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में बाह्य विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता की। आपके निर्देशन में दो शोधार्थी  पीएचडी शोध कार्य कर चुके है और दो शोधार्थी शोध कार्य में संलग्न है।आपके शोध निर्देशन में एक एमफिल शोधार्थी उपाधि प्राप्त है। डॉ. झा बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य के साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों की एकेडमिक काउंसिल में सदस्य है। आप यूजीसी नॉमिनी के तौर पर विभिन्न संगठनों के साथ कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभाई.

विगत कई वर्षों से एमजीसीयू के मीडिया विभाग के प्रमुख के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं। इसके अतिरिक्त, वे एमजीसीयू सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों में भी विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।

महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के शिक्षक व अध्ययनरत शोधार्थी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने डॉ. झा को उनके प्रोजेक्ट के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका अनुभव शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए लाभप्रद साबित होगा ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागों के विभागाध्यक्ष, अधिकारियों और मीडिया अध्ययन विभाग के शिक्षक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. साकेत रमण, डॉ. सुनील दीपक घोड़के, डॉ. उमा यादव, डॉ. मयंक भारद्वाज, डॉ. आयुष आनंद ने डॉ अंजनी कुमार झा को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना