मीडिया अध्ययन विभाग, एमजीसीयूबी में डिजिटल मीडिया पर संगोष्ठी
मोतिहारी/ आईआईएमसी, नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रचना शर्मा का कहना है कि आज प्रिंट और रेडियो माध्यम भी डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। “डिजिटल पत्रकारिता: संभावनाएं एवं चुनौतियां” विषय आयोजित संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज टाइपिंग के लिए भी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि सम्मिलित माध्यम का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। डिजिटल पत्रकारिता केवल डेटा केंद्रीत है। डिजिटल माध्यम के आने से खबरें का संप्रेषण सुलभ हो गया है। डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया में अंतर समझने की आवश्यकता है। मुख्य धारा की मीडिया संस्थान भी डिजिटल माध्यम का प्रयोग कर रही है। लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था मीडिया कनवरजेंश और टारगेट आडियंस ने डिजिटल माध्यम की महत्ता को और बढ़ा दिया है । डिजिटल माध्यम के आने के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की महत्ता कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म वेबसाइट, ऐप के माध्यम से अन्तरक्रियाशीलता बढ़ती जा रही है । उन्होंने कहा कि ग़लत संदेशों को चैट ऐप के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने एआर और वीआर क्लिपबेठ फैक्ट चेकिंग वायरल खबरों के महत्व पर प्रकाश डाला। इन्होंने वेबसाइट, वेब पोर्टल, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चर्चा की।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय के पंडित दीन दयाल उपाध्याय परिसर में मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा डिजिटल पत्रकारिता: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर सोमवार को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गयाl कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव थे । मुख्य वक्ता आईआईएमसी, की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रचना शर्मा थीं, जबकि अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा ने की। मुख्य अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। वहीं कार्यक्रम के संयोजक डॉ साकेत रमण ने विभागाध्यक्ष का स्वागत तथा डॉ परमात्मा कुमार मिश्र का स्वागत आकाश कुमार सिंह एवं डॉ सुनील दीपक घोडके का स्वागत बीजेएमसी छात्र नीतीश कुमार ने किया ।
वहीं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आजकल पत्रकारिता डिजिटल की ओर जा रही है। भारत चीन के बाद दूसरा इंटरनेट उपभोक्ता देश है। आने वाले दिनों में डिजिटल पत्रकारिता एक ऐसा दिशा और दशा देगी जहां मीडिया के छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं । वहीं अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा ने कहा कि डिजिटल पत्रकारिता में तथ्य की जांच नहीं की जाती, जो कि एक चिंता का विषय भी है। हालांकि उन्होंने कहा कि आजकल मुख्य धारा के चैनलों पर भी इसका ज्यादातर प्रयोग होने लगा है । उस परिस्थिति में हमें यह समझने में मुश्किल हो जाती है कि खबर सही है या ग़लत । डिजिटल मीडिया में भाषाई गिरावट एक प्रमुख समस्या है । हमें इसे बचने की आवश्यकता है ।
आयोजन समिति में मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य सुनील दीपक घोड़के, डॉ. परमात्मा कु. मिश्र उपस्थित रहे। मंच संचालन छात्रा प्राची श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन कुमार आशीष ने किया । विधार्थी आशीष कुमार, रविशंकर मिश्रा शालिनी कुमारी, आकाश अस्थाना, आशीष कुमार, अंजलि चौधरी, वेरोनिका राय , वागीशा कुमारी , कुमार आशीष, अंजलि कुमारी, श्रेया, रुचि कुमारी अनुपम गांगुली ने कई रोचक प्रश्न पूछे , कार्यक्रम में विभाग के कई शोधार्थी एवं विधार्थी उपस्थित थे ।