लघु-अवधि का पाठ्यक्रम उर्दू भाषा के सभी श्रमजीवी/ स्वतंत्र पत्रकार के लिए होगा
नई दिल्ली/ भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली ने उर्दू अखबारों के श्रमजीवी पत्रकारों की दक्षता और उर्दू भाषा में मीडियाकर्मियों की क्षमताओं में वृद्धि के लिए उर्दू पत्रकारिता में लघु अवधि के पाठ्यक्रम की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। हाल ही में संपन्न अखिल भारतीय उर्दू संपादक सम्मेलन में सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी द्वारा उर्दू अखबारों के पत्रकारों और संपादकों के साथ हुई विस्तारपूर्ण चर्चा के बाद इस पाठ्कयक्रम को शुरू करने का निर्णय लिया गया। चर्चा के दौरान उर्दू अखबारों के प्रतिनिधियों ने इस माध्यम में लघु अवधि पाठ्यक्रम के जरिए कौशल और क्षमता निर्माण के उपायों को शुरू करने का अनुरोध किया था।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव तथा आईआईएमसी के अध्यक्ष श्री उदय कुमार वर्मा की अध्यक्षता में 26 जून 2013 को आईआईएमसी की कार्यकारी परिषद की 124वीं बैठक में उर्दू पत्रकारिता में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया।
यह पाठ्यक्रम गैर आवासीय होगा और उर्दू भाषा के सभी श्रमजीवी/स्वतंत्र पत्रकार इसे कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम में पत्रकारिता की नवीनतम कार्यप्रणाली, तकनीक, कॉपी लेखन और टेलीविजन के लिए लेखन पर बल होगा। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य उर्दू पत्रकारिता में कार्यरत लोगों की क्षमता निर्माण और कौशल को बढ़ाना है। संस्थान पाठ्यक्रम अवधि, पाठ्यक्रम सामग्री तथा शुल्क आदि को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। अगले शैक्षणिक सत्र से इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की संभावना है।