देश में समाधान परक पत्रकारिता के लिए राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने देश में समाधान परक पत्रकारिता की जरूरत पर बल देते हुए कहा है कि मीडिया समाचारों में समस्या के साथ-साथ समाधान पर भी बात करे। इससे बेहतर समाज का निर्माण संभव हो सकेगा। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज द्वारा समाधान परक पत्रकारिता के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ करते हुए प्रो. द्विवेदी ने यह विचार व्यक्त किए। यह अभियान साल भर चलाया जाएगा।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार पश्चिमी देशों में नकारात्मक खबरों को प्रमुखता से स्थान दिया जाता रहा है, जिसका अनुसरण भारतीय मीडिया ने भी किया है। हमारे देश में शास्त्रार्थ करके किसी समस्या का समाधान निकालने की परंपरा रही है। हमारी संस्कृति में समस्या से ज्यादा समाधान पर ध्यान दिया जाता है। समाज में बदलाव और समृद्ध भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए मीडिया को प्रमुखता से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि वर्तमान समय में जब समाज और परिवार संकट में हैं, तब मीडिया की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। आज मीडिया को परिवार में संस्कार निर्माण एवं समाज को शिक्षित करने का काम करना चाहिये। मीडिया के माध्यम से समाज को ओर बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ समाज के निर्माण से श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होगा। इसके लिए मीडिया और पूरे समाज को लोकमंगल की भावना से समाधान परक पत्रकारिता करनी होगी।
इस दौरान ब्रह्माकुमारीज की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन की मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान अपनी स्थापना के समय से ही एक विश्व, एक ईश्वर, एक परिवार की थीम के साथ कार्य कर रहा है। संस्थान द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय अभियान के तहत पत्रकारों को समाधान परक पत्रकारिता की ओर अग्रसर करने का प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. केजी सुरेश, राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई, मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश भाई, नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके सुशांत भाई और फाउंडेशन के जनसंपर्क अधिकारी बीके कोमल ने भी अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर ओम शांति पत्रिका के संपादक बीके गंगाधर भाई को डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। मीडिया विंग में वर्षों से सेवाएं दे रहे वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी शॉल और स्मृति चिंह्न भेंटकर सम्मान किया गया।