साकिब ज़िया /पटना। वर्ष 1936 में आज ही के दिन इंडियन स्टेट ब्राडकास्टिंग सर्विस, ऑल इंडिया रेडियो के नाम से प्रचलित हुआ, तब से यह प्रसारण के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और लोगों का मनोरंजन कर रहा है।
1956 में इसको आकाशवाणी का नाम दिया गया। ऑल इंडिया रेडियो के अलावा सामान्य रूप में भी भारत में रेडियो का विकास हो रहा है। केंद्र सरकार की उदार नीति के कारण रेडियो स्टेशनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
पूरे देश में इस समय 250 से अधिक निजी रेडियो स्टेशन है जिन्हें लगभग 50 प्रसारणकर्ताओं द्वारा चलाया जा रहा है । लगभग 200 सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी देशभर में चल रहे हैं। सरकार ने लाइसंस नियमों छुट दी है ताकि इसको प्रोत्साहन मिल सके।