तारकेश कुमार ओझा / व्यापमं....। पहली बार जब यह शब्द सुना तो न मुझे इसका मतलब समझ में आया और न मैने इसकी कोई जरूरत ही समझी। लेकिन मुझे यह अंदाजा बखूबी लग गया कि इसका ताल्लुक जरूर किसी व्यापक दायरे वाली चीज से होगा। मौत पर मौतें होती रही, लेकिन तब भी मैं उदासीन बना …
Blog posts : "व्यंग्य"
इन "ललितों" का तो ऐसा ही है !!
तारकेश कुमार ओझा / उन दिनों किसी अखबार में पत्रकार होना आइएएस – आइपीएस होने से किसी मायने में कम महत्वपूर्ण नहीं था। तब किसी भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय के सामने मुलाकातियों में शामिल करोड़पति से लेकर अरबपति तक को भले ही अपनी बारी के लिए लंबी प्रतीक्षा कर…
न आलू न गोभी, हम सब हैं यार ‘धोबी’
क्या वर्ल्ड वाइड वेब पोर्टल दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई से ही ऑपरेट करने पर लेखक/रिपोर्टर्स विश्वस्तरीय हो सकते हैं ?…
मौत पर भारी मैच ...
खबरों की दुनिया के लिहाज से हादसों में मौत और सैनिकों पर आतंकवादी हमला सबसे ज्यादा नेगलेक्टेड और ओवरलुक की जाने वाली खबरे हैं…
तौबा करिए ऐसे छपास रोगियों से!
अपने ऊल-जुलूल आलेख एक साथ चार-पाँच सौ लोगों लोगों को ई-मेल करते हैं !
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी / आप लेखक, विचारक पत्रकार रिपोर्टर है…
गदाई ही नहीं देते मेरे एस.एम.एस. की रिप्लाई
बच्चू वेबमैग्जीन इसलिए नहीं आपरेट कर रहा हूँ कि तुम्हारे जैसे लफूझन्ना ब्राण्ड उसके लेखकों की फेहरिश्त में आएँ
डॉ…
कफन के पूर्व शाल ओढ़ने की इच्छा क्या पूरी होगी...?
भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी / मैं भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी, यदि संपादकों से मलाल करूँ कि वह लोग मेरे लेखादि प्रकाशित करने के एवज में कुछ नहीं देते हैं तो शायद कितनों को यह अटपटा लगेगा और कुछेक एडिटर तो लेखों को ‘डस्टविन’ में डाल देंगे। मैं किसी संस्था का मुलाजिम …
.क्या आप हमारे ‘मैचलेस’ टी.वी. न्यूज चैनल से जुड़ेंगे?
देवर्षि नारद जी ने कहा कि वत्स एक ऐसा टी.वी. चैनल शुरू करो जो तुम्हारे आर्यावर्त में अद्वितीय हो मसलन तीनों लोकों की अफवाहों, बेसिर-पैर वाली खबरों से ओत-प्रोत हो...…