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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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रवीश कुमार पर कुछ पत्रकारों के हमले से जलन की बू

राजेश कुमार / टीवी एंकर रवीश कुमार के भाई पर यौन शोषण का आरोप क्या लगा मानों कुछ गुमनाम पत्रकारों को अपने नाम को सुर्खियों में लाने का मौका मिल गया. रवीश कुमार पर इन पत्रकारों के हमले से मुझे जलन की बू आ रही है. वो इसलिए कि शायद रवीश के साथ जिन पत्रकारों ने अपना सफर तय किया था उन्हें वक्त के साथ उतनी शोहरत नहीं मिली जितनी उन्होंने ख्वाहिश पाल रखी थी और रवीश ने रोज नए- नए मकाम हासिल कर अपनी एक अलग पहचान बनाई. मैं ना तो रवीश का समर्थक हूं और ना ही आपका आलोचक. लेकिन कुछ छुठभैय्ये पत्रकार तो मानों रवीश के पीछे एसे पड़ गए हैं जैसे दोषी रवीश हो, उसका भाई नहीं.

मैं पूछना चाहता हूं उन पत्रकारों से जो पानी पी पी कर रवीश को कोस रहे हैं कि. अगर उनका भाई- बाप या रिश्तेदार कुछ गलत करता है, तो वो उतनी सच्चाई से उस खबर को दिखाएंगे जितनी ईमानदारी से रवीश पर निशाना साध रहे हैं. हां, संपादक की कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन अगर रवीश के भाई ने कुछ गलत किया है तो उसकी सजा उसे कानून देगा. इसका मतलब ये हरगिज़ नहीं कि अगर किसी पत्रकार का भाई कहीं चोरी करता पकड़ा जाए तो पत्रकार भी चोर बन जाए. अब क्या... भाई की गलती ‘जिसे अभी साबित करना भी बाकी है’ की सजा रवीश को दी जाए... आप ये कह रहे हो ? या फिर नैतिकता के आधार पर रवीश पत्रकारिता छोड़ दें ? क्या यही आपकी नैतिकता है...? भई ऐसा है...अगर नैतिकता की बात की जाए तो पहले उस नैतिकता की तरफ भी झांक लें, जो कम-से-कम आप में भी नहीं दिखाई दे रही है...और अगर इसे गलत माना जाए तो फिर उनका क्या... जो पिछले कुछ महीनों ‘या फिर साल भी कह सकते हैं’ से  पत्रकारिता के सारे उसूलों को दरकिनार कर अपने फायदे का सौदा कर रहे हैं।  

राजेश कुमार चैनल वन न्यूज के एंकर हैं.

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

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सम्पादक

डॉ. लीना