Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

दुनिया में हर जगह है सोशल मीडिया की पहुंच: अखिलेन्द्र मिश्रा

इसका दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार को बनाना चाहिए सख्त नियम

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और निर्देशक अखिलेन्द्र मिश्रा से मीडियामोरचा के ब्यूरो प्रमुख साकिब ज़िया की खास बातचीत     

पटना/ सोशल मीडिया बहुत ही लाभकारी माध्यम है और इसका इस्तेमाल लोगों को पोजिटीव तरीके से करना चाहिए एवं इसके माध्यम से कोई भी गलत संवाद नहीं करना चाहिए। यह कहना है भारतीय सिनेमा के मशहूर अदाकार अखिलेन्द्र मिश्रा का। बिहार के सीवान जिला के रहने वाले श्री मिश्र को 90 के दशक के मशहूर टीवी धारावाहिक "चंद्रकांता" के क्रूर सिंह के किरदार ने एक नई पहचान दी। क्रूर सिंह का खास संवाद "याकू" आज भी लोगों के ज़ेहन में महफूज़ है।

पिछले दिनों राजधानी पटना में आयोजित बोधिसत्व अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग लेने के दौरान उन्होंने मीडियामोरचा से खास बातचीत में कहा कि आज ई-क्रांति का दौर है, सोशल मीडिया आज के समय में अपनी बातों को बताने का और लोगों से संवाद करने का बहुत ही कारगर और सशक्त माध्यम है जिसने दुनिया की दूरियों को पाट दिया है।इंटरनेट के माध्यम से बस सिर्फ एक क्लिक और आप दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक  चंद सेकंड में अपनी बातों को पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मों का हमारे जीवन से गहरा संबंध है और यह समाज के हर पहलू को लोगों के सामने लाने में सहायक साबित होता रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से कई गुमनाम लोगों को अपनी प्रतिभा दुनिया के सामने लाने और अपनी मंज़िल को पाने में काफी मदद मिलती है।

भारतीय सिनेमा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बोधिसत्व फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में हिस्सा लेते हुए काफी खुशी हो रही है।उन्होंने कहा कि यह एक सराहनीय कदम है और प्रदेश स्तर पर ऐसे अंतराष्ट्रीय आयोजनों से लोगों को एक ही जगह पर कई देशों की भाषा,कला,संस्कृति और इतिहास के बारे में जानने तथा समझने का मौका मिलता है।आज की युवा पीढ़ी काफी जागरूक है और जिस तरह से सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि इस तकनीक का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। श्री मिश्रा ने कहा कि हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी है और सोशल मीडिया इसके लिए एक बेहतर माध्यम बन कर उभर रहा है। उन्होंने ने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि इस तकनीक का नकारात्मक इस्तेमाल हो रहा है। अकसर देखा जाता है कि जैसे ही किसी ने कोई गलत बात या मैसेज फार्वरड किया उसके चंद सेकंड बाद ही वह दुनियाभर में फैल जाता है और समाज में भ्रम की स्थिती पैदा हो जाती है।बातचीत के क्रम में क्रूर मैन ने लोगों से सोशल मीडिया के गलत प्रयोग को रोकने की अपील की। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि इस पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नियमो की जरूरत है। अखिलेन्द्र मिश्रा ने सरकार से अपील करते हुए इस दिशा में सार्थक कदम उठाने की बात कही।

बातचीत के अंतिम दौर में उन्होंने कहा कि आजकल सभी सरकारों को भी अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की सराहना करते हुए कहा कि शराबबंदी एक अहम कदम है।उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की भी तारीफ की और कहा कि मुख्यमंत्री साईकिल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सफलता में भी सोशल मीडिया का सराहनीय योगदान है।इस योजना से देशभर में बच्चियों के शिक्षा स्तर में काफी सुधार आया है जो एक खूबसूरत और मजबूत समाज के निर्माण के लिए बेहतरीन नज़ीर साबित हो रहा है।

अंत में अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा ने मीडियामोरचा के संपादक और पाठकों को ढेर सारी शुभकामनाएं दीं।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना