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अशोक वाजपेयी वापस नहीं लेंगे पुरस्कार

साकिब ज़िया। असहिष्णुता के मुद्दे पर साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले सुप्रसिद्ध कवि एवं संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने कहा कि अगर अकादमी उनके लौटाये गये पुरस्कार को वापस करती है तो वह उसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे। 

साहित्य अकादमी ने उन सभी लेखकों को पुरस्कार वापस भेजने का फैसला किया है जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में असहिष्णुता के मुद्दे पर पुरस्कार लौटा दिये थे। अकादमी के सूत्रों के अनुसार अभी अंग्रेजी की मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल तथा राजस्थानी के लेखक नंद भारद्वाज को यह पुरस्कार वापस भेजा गया है। लेकिन मीडिया में आयी रिपोर्टों के अनुसार श्रीमती सहगल ने कहा है कि उन्होंने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। 
गौरतलब है कि श्रीमती सहगल ने जब यह पुरस्कार लौटाया था तो श्री वाजपेयी ने उसके अगले दिन ही अपना पुरस्कार लाैटाने की घोषणा की थी। 

ललितकला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री वाजपेयी ने कहा कि अकादमी की ओर से एक पत्र मेरे पास भी आया है जिसमें पुरस्कार को वापस लेने की बात कही गयी है लेकिन पुरस्कार वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अकादमी ने पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों को मुश्किल में डालने के लिए ही इस तरह के पत्र भेजे हैं। 

श्री वाजपेयी ने कहा है कि किसी भी संस्था में ऐसी कोई नीति नहीं होती है कि लेखक पुरस्कार लौटाये। इसीलिए अकादमी का यह तर्क हास्यास्पद है कि वह लेखकों के लौटाये पुरस्कार को ग्रहण नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के संविधान एवं नियामावली में यह थोड़े ही लिखा है कि वह पुरस्कार की लौटायी गयी राशि स्वीकार करेगी। 

पिछले दिनों अपना 75वां जन्मदिन मनाने वाले श्री वाजपेयी ने कहा कि चाहे साहित्य अकादमी हो या सरकार सब में संवेदनहीनता व्याप्त है और दवाब में आने के बाद ही कुछ करती है, इसीलिए तो कन्नड़ साहित्यकार कलबुर्गी की हत्या के एक महीने बाद उसने निंदा प्रस्ताव तब पारित किया जब देशभर में इस घटना को लेकर व्यापक विरोध हुआ और प्रधानमंत्री ने भी एक दलित छात्र की आत्महत्या के इतने दिनों बाद चुप्पी तब तोड़ी जब देश के कई शहरों में छात्रों ने धरना प्रदर्शन किये। उन्होंने यह भी कहा कि असहिष्णुता का मुद्दा अभी भी बरकरार है और आये दिन देश में हो रही घटनाओं में इसे देखा जा सकता है। 

गौरतलब है कि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता करण जौहर ने भी जयपुर साहित्य उत्सव में असहिष्णुता का मुद्दा उठाकर एक बार फिर इस बहस को तेज कर दिया है। श्री वाजपेयी हैदराबाद के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या के विराेध में भी अपनी मानद डी-लिट की उपाधि लौटाने की घोषणा कर चुके हैं। जो उन्हें 2013 में हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने दी थी। 

मीडियामोरचा के लिए ब्यूरो प्रमुख साकिब ज़िया की रिपोर्ट

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सम्पादक

डॉ. लीना