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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts October 2020

हिन्दी पत्रकारिता के ‘माणिक’ मामाजी

प्रखर संपादक माणिकचंद्र वाजपेयी उपाख्य ‘मामाजी’ की 101वीं जयंती (7 अक्टूबर) पर विशेष

लोकेन्द्र सिंह / ‘मन समर्पित, तन समर्पित और यह ज…

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कहानियों का द्वीप है बस्तर : प्रो. द्विवेदी

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने लेखक एवं आईटीबीपी के डिप्टी कमान्डेंट कमलेश कमल की बेस्टसेलर किताब 'ऑपरेशन बस्तर' के दूसरे संस्करण के ऑनलाइन किया लोकार्पण …

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परिवर्तन पत्रिका के “मीणी भाषा और साहित्य" विशेषांक का विमोचन

पत्रिका का यह 19 वां अंक

हिंदुस्तानी भाषा के हिमायती महात्मा गांधी की जयंती और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर को टीएमएस और परिवर्तन पत्रिका के तत्वावधान में परिवर्तन पत्रिका के 19 वें अंक का विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। साहित्य और कला के लिए…

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पत्रकारों को भी अन्य लोगों जितना है कोरोना का खतरा : हर्षवर्धन

नयी दिल्ली/ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 न देश में फर्क समझता है और न व्यक्ति के पेशे में तथा पत्रकारों को भी कोरोना से उतना ही खतरा है जितना हम लोगों को है और इससे बचाव के लिए उन्हें उन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करना …

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आईआईएमसी में पौधारोपण कर मनाई गई गांधी एवं शास्त्री जयंती

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में शुक्रवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई।…

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दूरदर्शन पटना की उर्दू न्यूज़ बुलेटिन को बंद करने की साजिश

दूरदर्शन समाचार कैजुअल वर्कर्स एसोसिएशन ने दूरदर्शन पटना और प्रसार भारती के वरिष्ठ पदाधिकारीयों को भेजी चिट्ठी  …

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जार चिंतन शिरोमणि- अर्थात्, प्रेम कुमार मणि

कैलाश दहिया/ पिछड़ों के विचारक प्रेम कुमार मणि ने 4 सितंबर, 2020 को अपनी फेसबुक वॉल पर 'यह जार चिंतन क्या है?' शीर्षक से अपना लेख लगाया है। बताया जाए, सर्वप्रथम तो इन का यह शीर्षक ही गलत है। यह होना चाहिए था 'यह दलित चिंतन या मोरल चिंतन क्या है?' यह भी बताया जा सकता है कि इस मोरल…

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विश्व के सबसे सफल संचारक थे गांधी : प्रो. शुक्ल

आईआईएमसी में आयोजित 'गांधी पर्व' में व्याख्यान कार्यक्रम

नई दिल्ली। ''संचार के उद्देश्यों की बात की जाए, तो गांधी विश्व के सबसे सफल संचारक थे। अपने इसी गुण के कारण वह देश के अंतिम व्यक्…

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सम्पादक

डॉ. लीना