नासिक/ कवले दादा के नाम से प्रसिद्ध महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार मधुकर कवले का आज यहां उनके निवास पर निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। श्री कवले ने वर्ष 1973 में ‘भ्रमर’ और ‘गावकरी’ से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा था। बाद में उन्होंने मुम्बई के समाचार पत्र ‘सकाल’ में नासिक रिपोर्टर के तौर पर भी काम किया। उन्होंने ‘देशस्त रूगवेदी संस्थान’, दुर्गा मंगल कार्यालय, जनता वाचनालय, समर्थ सहकारी बैंक और अन्य संस्थानों की स्थापना भी की थी। कट्टर समाजवादी श्री कवले ने आपातकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी का विरोध करने वाले कई लोगों को संरक्षण दिया था। नासिक के ओझार में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की स्थापना के बाद उन्होंने टिफीन सेवा की भी शुरूआत की थी।
श्री कवले दो माह पूर्व लकवाग्रस्त हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और कुछ दिनों बाद उन्हें घर ले आया गया । कवले दादा ने अपने जीवन काल में पार्थिव शरीर को अनुसंधान के लिए मेडिकल काॅलेज को दान कर दिया था। उनके परिवार में तीन पुत्र सुधीर, शशांक और सुनील तथा बहुएं और पोते-पोतियां हैं। उनके बड़े पुत्र सुधीर समाचार पत्र ‘पुढारी’ के नासिक संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।