कोरोना से पत्रकारों की हुई मौत पर सभी के परिजनों को एक -एक करोड़ की राशि देने की मांग
दिल्ली/ दूरदर्शन के वरिष्ठ कैमरापर्सन योगेश के निधन से दिल्ली के कई पत्रकार आहत हैं। जान पर खेलकर रिपोर्टिंग करने वालों को बहुत झटका लगा है। उनके बीच का साथी इस तरह से खेत जाए किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा। दैनिक जागरण के पंकज कुलश्रेष्ठ, दिव्य भास्कर के मितेश पटेल और अब दूरदर्शन के योगेश। कोरोना का कोई फ़िक्स पैटर्न नहीं है। कुछ को बिल्कुल नहीं लगता कि ये भी कोई बीमारी है लेकिन कुछ को बिल्कुल मौक़ा नहीं देता। योगेश के बलिदान को नमन।
सरकार से माँग है कि कोरोना के कारण जिन पत्रकारों की मौत हुई है उनके परिजनों को एक एक करोड़ की राशि दी जाए। उम्मीद है सरकार निराश नहीं करेगी।
नीचे के पी मलिक का लिखा पोस्ट है जो योगेश को जानते थे।
कोरोना के कहर ने एक और कैमरामैन को निगला!
दूरदर्शन के कैमरामैन की कोरोना वायरस से हुई है। आज आयी रिपोर्ट! उनका 27 मई को दिन पहले दिल्ली के एक निज़ी अस्पताल में निधन हो गया था।
सरकारी टेलीविजन दूरदर्शन में काम करने वाले कैमरामैन योगेश का 27 मई को निधन हो गया था। 28 मई को कोरोना टेस्ट की जो रिपोर्ट आई है। उसमें साफ हो गया है कि योगेश की मौत कोरोना के कारण हुई है।
दूरदर्शन के कैमरामैन योगेश के साथ में मेरे बहुत पुराने संबंध थे। मैं उनको लगभग 25 साल से जानता था। संसद भवन के अलावा कई प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारी मुलाकातें होती थी। मेरा उनके साथ आत्मीयता का संबंध था। उनके घर पर उनके परिवार के लोगों से बात करने पर पता चला कि मंगलवार की शाम को उनको सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद बुधवार को उनके घर के पास शालीमार बाग के निज़ी अस्पताल मैक्स ले जाया गया। अस्पताल में दाखिल करने पर सबसे पहले उनका कोरोना का टेस्ट किया जाहिर है उसकी रिपोर्ट 2 दिन बाद आती है। जबकि अगले दिन ही उनका निधन हो गया।
करोना टेस्ट के लिए भेजे गए उनके नमूने का रिजल्ट कोरोना पॉजिटिव के रूप में आया यह सुनकर चारों तरफ सनसनी फैल गई क्योंकि वह अपने सहयोगियों के साथ नियमित रूप से सरकार द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलनों को कवर कर रहा था और अपनी ड्यूटी के आखिरी दिन 21 मई तक तमाम महत्वपूर्ण कवरेज की जिनमें उसमें रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और नागरिक उड्डयन अधिकारियों के इंटरव्यू आदि शामिल थे।
दूरदर्शन में काम करने वाले मेरे पत्रकार मित्र ने कहा कि दूरदर्शन से जुड़े सभी पत्रकारों और कैमरामैनो को तमाम जगहों पर संबंधित खबरों को कवर करने के लिए जाना पड़ता है। तमाम ऑफिसों, अस्पतालों और अन्य जगहों पर जाना पड़ता है। जहां पर कोरोना संक्रमित लोगों की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। इन परिस्थितियों में किसी का भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने की संभावना बन जाती है।
योगेश के साथ करने वाले अन्य कैमरा में और उनके साथियों का कहना है कि सरकार को इस मामले पर बीमा योजना को लेकर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "एक साल पहले, एक साथी की मौत माओवादी विस्फोट में हुई थी। हम जोखिम भरे हालात में काम करते हैं। कम से कम उचित मुआवजे का कुछ आश्वासन तो चाहिए।"
"नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट (इंडिया)" एवं 'दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन' लगातार सरकार से पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित करने के लिए पत्र लिख रही है। और साथ ही पत्रकारों के लिए 50 लाख की बीमा योजना की मांग कर रही है। इस घटना से सबक लेते हुए सरकार को इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है।